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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल



जगदलपुर/पंजाब सनातन धर्म सभा पंजाब सनातन महिला सत्संग सीमित द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन भागवत के मंगलाचरण के साथ आज की कथा का आरंभ हुआ। 


वृंदावन से पधारी मां ध्यानमूर्ति महाराज ने बताया कि मंगलाचरण अति आवश्यक है जिनका मंगल आचरण हो उन्ही का मंगलाचरण होता है,और श्रीमद् भागवत में केवल सत्य को प्रतिपादित किया गया है सिर्फ सत्य की वंदना की गई है इसके बाद भागवत कथा के अद्वितीय वक्ता श्री शुकदेव जी महाराज के जन्म कर्म की कथा सुनाई नारद जी द्वारा वेद व्यास जी के क्षोभ को दूर करने के लिए अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई एवं अद्वितीय श्रोता श्री परीक्षित जी महाराज के जन्म की कथा श्रवण कराई कि किस प्रकार भगवान ने गर्व में परीक्षित जी महाराज के प्राणों की रक्षा की कुंती स्तुति और भीष्म स्तुति की पावन कथा का श्रवण लाभ उपस्थित भक्तों ने प्राप्त किया राजा परीक्षित ने कलियुग पर दया की और कलयुग के प्रभाव में उन्होंने ऋषि के गले में मृत सर्प डाला जिसकी वजह से उनको सात दिन में सर्प दंश के कारण मृत्यु का श्राप मिला, उनकी मृत्यु को मंगलमय बनाने के लिए सभी ऋषि मुनियों की उपस्थिति में श्री शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित पर कृपा की और उनको भागवत कथा सुनने गंगा तट पहुंचे कथा विश्राम के समय सभी भक्तों को विदुर जी के पावन चरित्र की कथा का लाभ मिला की केसे भगवान ने दुर्योधन के 56 भोगों को छोड़कर प्रेम के वश विदुर जी के यहां केले के छिलके खाए कथा के साथ आज  सुंदर मनमोहक झांकियों का लाभ भी सभी भक्तो ने प्राप्त किया

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