Adevertise
Top Stories
news-details
धर्म एवं ज्योतिष
sampatdak
SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल




जगदलपुर/जन्माष्टमी के पावन उपलक्ष्य में पंजाब सनातन धर्म सभा पंजाब सनातन महिला सत्संग समिति  द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस वृंदावन से पधारीं गुरु मां श्री ध्यान मूर्ति जी महाराज द्वारा आज सती चरित्र , कपिल उपाख्यान , एवं ठाकुर जी के प्यारे भक्त ध्रुव की कथा सुनाई, जिसमें मां ध्यान मूर्ति जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को दिखावा न करते हुए भगवान को सच्चे दिल से याद करना चाहिए।


 कथा में मनु और शतरूपा के दो पुत्र और तीन पुत्रियों के वंश का वर्णन पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद राजा उत्तानपाद की दो रानियां हुई एक का नाम सुरुचि और दूसरी का नाम सुनीति सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव हुआ मां के द्वारा दिए गए संस्कारों से बालक ध्रुव भक्त ध्रुव हुआ जिसने मात्र 5 वर्ष की अवस्था में प्रभु को प्राप्त कर लिया बालक की पहली गुरु मां होती है इसीलिए बच्चों को हमें अच्छे संस्कार देने चाहिए । इसके बाद जड़ भरत चरित्र की कथा सुनाई कि राजा भरत ने एक मृग में आशक्ति की तो उन्हें हिरण का जन्म लेना पड़ा उसके बाद उन्हें ब्राह्मण के घर जन्म मिला उनका भरत नाम पड़ा ।। और जगत जननी मां प्रभु के भक्त को बचाने के लिए मूर्ति से प्रगट हुई और डाकुओं से प्रभु के भक्त की रक्षा की।
कल कथा का चतुर्थ दिवस है कल कथा में बाल कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा

You can share this post!

Related Posts
Adevertise