ASHISH TIWARI
आशीष तिवारी
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर संजीवनी CBCC USA हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा कैंसर जागरुकता संबंधित पत्रकार वार्ता का आयोजन:-डॉ. यूसुफ मेमन डायरेक्टर एवम कैंसर सर्जन संजीवनी CBCC USA कैंसर हॉस्पिटल
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
रायपुर।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पचपेड़ी नाका दावड़ा कॉलोनी स्थित संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन एवम हॉस्पिटल द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर कैंसर जागरूकता के लिए संजीवनी CBCC USA कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा पत्रकार वार्ता आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम के विषय पर डॉ. यूसुफ मेमन जी डायरेक्टर एवम कैंसर सर्जन संजीवनी CBCC USA कैंसर हॉस्पिटल ने बताया कि प्रतिवर्ष 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में बनाया जाता है। इस वर्ष संजीवनी कैंसर केयर फाऊंडेशन , रोटरी क्लब रायपुर नॉर्थ, महाराष्ट्र मंडल, एवम YMS युथ फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में जागरुकता अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
डॉ. मेमन ने बताया कि इस वर्ष WHO का वर्ल्ड नो टोबैको डे का थीम है कि वी नीड फूड नॉट टोबैको(We need food not Tobacco) इसका उद्देश्य है जो लोग तंबाकू की खेती करते हैं वो तंबाकू कि खेती बंद करके ऐसे पोषक फसल लगाएं जो लोगों की भूख मिटाए। तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और नशे से ना सिर्फ हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर, ब्रेन कि बहुत सारी बीमारियां होती हैं बल्कि और दस प्रकार के कैंसर उत्पन्न होते हैं। इसीलिए आज इन सभी संस्थाओं का एकसाथ मिलकर लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य यही है हम हमारे देश को इस प्रकार की बीमारियों से बचाएं और तंबाकू के उपयोग को बिल्कुल बंद करें।
मेडिकल संबंधित नशे पर डॉ. मेमन का वक्तव्य:
आजकल के बच्चे, युवाओं पर तेजी से चल रहे मेडिकल संबंधित नशे जैसे नशे के सिरप, गोलियां पर डॉ मेमन का कहना है कि सरकार अपना काम कर रही है जिस प्रकार से तंबाकू, गुटके, सिगरेट के पाउच और पैकेट में लिखा रहता है कि इसको खाने से कैंसर होता है उसी प्रकार सभी मेडिकल में यह स्ट्रिक्ट इंस्ट्रक्शन है गवर्नमेंट का कि कुछ ऐसी दवाईयां जो नशे के लिए उपयोग कि जाती है वह बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बेची नही जा सकती है और ऐसी दवाईयां बेचने के लिए विशेष लाइसेंस लगती है लेकिन अपने निजी फायदे के लिए कुछ मेडिकल ऐसी दवाईयां को बेचती हैं जिसपर सरकार अपने नियम बना सकती है।
लेकिन इसको पूर्ण रूप से लागू करने कि जिम्मेदारी नागरिकों की भी है और इसके लिए जागरुकता जरूरी है कि इस प्रकार की नशीली पदार्थों से क्या दुष्प्रभाव होता हैं।
डॉक्टर मेमन ने केंसर कि बढ़ती बीमारियों पर गंभीरता से बताया कि आजकल लगभग 30 प्रतिशत कैंसर केसेस बढ़ने का कारण तंबाकू, गुटखा, पान मसाला है। 40 प्रतिशत तंबाकू का कारण हमारी दिनचर्या, आहार, नियमित व्यायाम, पर्यावरण में प्रदूषण , मोटापा ये सब है। लगभग 25 से 30 प्रतिशत केसेस में केंसर का कारण इन्फेक्शन है जैसे कि कुछ बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पायलोरी (Helicobacter Pylori) से पेट का केंसर इसी तरह से कुछ वायरस जैसे हेपेटाइटिस वायरस से लीवर केंसर और केवल 5 से 10 प्रतिशत केंसर का कारण केवल अनुवांशिक है जैसे कि मां बाप से वह बच्चों में जाता है कहने का मतलब अनुवांशिक केंसर को रोकना हमारे हाथों में नही है बाकी 90 प्रतिशत केंसर कराने वाले फैक्टर जो बताए गए ये सारे ऐसे हैं जिन्हें हम रोक सकते हैं।
जैसे कि तंबाकू, गुटका, पान मसाला, दिनचर्या, हमारा आहार, नियमित व्यायाम , पर्यावरण में प्रदूषण को हटा सकते है, वायरस,बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से बच सकते हैं।90 प्रतिशत जो कैंसर के कारक हैं वो प्रिवेंटेबल हैं।
अंत मे डॉक्टर यूसुफ मेमन ने कहा मेरी सबसे यही विनती है कि हम जागरूक हों और इससे बचें तो 90 प्रतिशत कैंसर होने से ही हम रोक सकते हैं।