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आशीष तिवारी

मेहमान प्रवकाताओ के मौलिक अधिकारों का किया जा रहा हनन:-
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

रायपुर। प्रदेश भर के शास. आईटीआई मेहमान प्रवक्ता प्रशिक्षण अधिकारी ऐसे तो कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग में विगत 15 वर्षो से भी अधिक समय से सेवा देते आ रहे हैं।
सेवा भी ऐसा जहां नियमित के एक चौथाई मानदेय न किसी प्रकार की अवकाश की सुविधा न ही किसी प्रकार का पीएफ/ईपीएफ कटौती।
इतने वर्षो से शासन और विभाग द्वारा हजारों योग्य और शिक्षित लोगों का भविष्य खराब कर गरीबी में जीने को मजबूर करने के बाद भी विभाग को पता ही नहीं है कि मेहमान प्रवक्ता कौन है?
अधिकारियों और मंत्रियों को पत्राचार करते करते चप्पल घिस गए।
लाखों रुपए संघ द्वारा फूंक दिया गया धरना प्रदर्शन और संचनालय और मंत्रालय के चक्कर लगाकर फिर भी विभाग व प्रशासन को कोई फर्क ही नहीं पड़ा।
काम लेने के समय कर्मचारी और बाकी समय आप कौन-हम कौन बोल रहे हैं।
विभागीय अधिकारी और मंत्री मौखिक जानकारी दे रहे हैं कि आपकी जानकारी नियमतीकरण के लिए भेजा गया है।
लेकिन दूसरे तरफ दोहरापन व्यवहार का परिचय दे रहे हैं जब सूचना का अधिकार से जानकारी मांगी जा रही है तो उसमे निरंक जानकारी भेज रहे हैं।
ये कैसा सौतेला व्यवहार है जहां इतने वर्षो से शोषित करने के बाद जब नियमतीकरण करने की बात आ रही है तो मेहमान प्रवक्ताओं को विभाग व प्रशासन दरकिनार करने में लगा है।
जबकि शासन द्वारा नियमतीकरण के लिए चाही गई अनिवार्य 05 बिंदुओं को मेहमान प्रवक्ता पूर्ण करते हैं 
इसके बावजूद इनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। 
नियम की बात अधिकारी करते हैं लेकिन एक नियम भी मेहमान प्रवक्ताओं के हित में लागू नहीं कराया जाता है।
नियमित के समान ही सारा कार्य लिया जा रहा है लेकिन लाभ चवन्नी भर का नही दे रहे हैं।
187 आईटीआई में 187 नियम है मेहमान प्रवक्ता के लिए।
कहीं महिलाओं के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जाता है तो कहीं गाली और धमकी दिया जाता है।
बावजूद इन सभी को सहन करते जा रहे हैं कि भविष्य में मेहमान प्रवक्ताओं को नियमतीकरण का लाभ मिलेगा।
लेकिन अब विभाग व प्रशासन ने हद पार कर दी।
निर्धारित शैक्षणिक अर्हता रखने के बावजूद भी इन्हें अनदेखा किया जा रहा है।
फिर भी अंधेर नगरी चौपट राजा सब देख रहे हैं लेकिन कर कुछ नहीं रहे हैं।
यदि मेहमान प्रवक्ताओ को  नियमतीकरण नहीं मिला तो 400 पद आने के बाद इनका जीवन तबाह हो जाएगा।
नियम विरुद्ध 31 मई से सेशन समाप्त करने की धमकी दे रहे हैं।
सेसन चलता है पूरे वर्ष भर।
ये कैसा मजाक चल रहा है इस विभाग में मेहमान प्रवक्ताओं के साथ कोई सुध तो ले।
अभी समय है विभाग और शासन इनके हित में फैसला ले और नियमितकरण दे। प्रदेशभर के 800 मेहमान प्रवक्ताओं की पीड़ा को बताते हुये उक्त कथन छत्तीसगढ़ शास. आईटीआई मेहमान प्रवक्ता कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश साहू द्वारा प्रेस वार्ता के दौरान कहा गया।

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