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सुभाष रतनपाल

महतारी दुलार योजना के तहत पालकों को कोरोना से खोने वाले बच्चों को दी गई गई 5-5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता

नक्सल हिंसा के कारण बंद स्कूलों के फिर से खुलने पर बच्चों और पालकों ने मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार

जगदलपुर/कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल में पहली बार आयोजित शाला प्रवेशोत्सव में बच्चे, पालक और शिक्षक उत्साहित नजर आए। जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धरमपुरा में आयोजित किया गया। यहां मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने बच्चों का स्वागत फूलों की माला, मिठाई, पाठ्यपुस्तक और गणवेश देकर किया।
उन्होंने सबसे पहले प्राथमिक शाला कोसाबाड़ी के दिव्यांग छात्र केवल्य सोनवानी और प्राथमिक शाला कालीपुर की छात्रा कंचन यादव का स्वागत गुलाब फूल भेंट कर किया। इस दौरान उन्होंने इस दौरान कोरोना के कारण अपने पालकों को खोने वाले बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की। कार्यक्रम में नगर निगम सभापति कविता साहू, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक रामसागर चैहान, जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त विवेक दलेला, जिला मिशन अधिकारी अखिलेश मिश्रा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व स्कूली विद्यार्थी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर स्थित अपने निवास से वचुअली जुड़े हुए थे। संभाग के नक्सल हिंसा के कारण बंद पड़े स्कूलों के पुनः खोलने से उत्साहित विद्यार्थियों और पालकों के साथ भी इस अवसर पर चर्चा की और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के बीजापुर में 156, सुकमा में 97, नारायणपुर में 4, दंतेवाड़ा व नारायणपुर में 1-1 नक्सल हिंसा के कारण बंद पड़े स्कूलों का संचालन शासन के प्रयासों से पुनः प्रारंभ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पिछले दो साल से कोरोना के कारण प्रभावित हुए पढ़ाई की कसर को दोगुने उत्साह के साथ पढ़ाई कर पूरा करना है। उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसा के कारण बंद पड़े स्कूलों के मूल स्थान में पुनः संचालन की मांग को देखते हुए शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया। इससे बच्चों और पालकों में खुशी है। उन्होंने कहा कि जहां पहले गोलियों की आवाजें गुंजती थीं, वहां अब बच्चों का ककहरा सुनाई देना अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के कारण पढ़ाई का कार्य प्रभावित हुआ। किन्तु शिक्षकों द्वारा कोरोना नियंत्रण के साथ ही बच्चों की पढ़ाई के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए।
बीजापुर से वचुअली जुड़े प्रभारी मंत्री कवासी लखमा और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम शाह मंडावी ने स्कूलों के पुनः संचालन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि गांवों में अब फिर से शांति आ रही है और गांवों में स्कूल, अस्पताल, राशन दुकानों के संचालन से ग्रामीणों में खुशी देखी जा रही है।
संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि इस वर्ष दसवीं में 80 प्रतिशत और बारहवीं में 85 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम बस्तर में शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेहतर परीक्षा परिणामों के लिए बच्चों को निरंतर प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को हेलीकाॅप्टर में घुमाने का वादा किया है। संसदीय सचिव ने कहा कि वे भी दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 51-51 हजार रुपए की पारितोषिक राशि प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए जिले में युवोदय एकेडमी स्थापित की गई है, जहां मार्गदर्शन प्राप्त कर अंदरुनी गांवों के बच्चे भी सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं। उन्होंने पालकों से अपने बच्चों को नियमित तौर पर स्कूल भेजने की अपील करते हुए बस्तर जिले के अधिक से अधिक बच्चों के प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने की आशा व्यक्त की।

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