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आशीष तिवारी

27 साल से एक ही सीट में जमा हुआ फर्जी तरीके से हाऊसिंग बोर्ड में बाबू से आधिकारी बना निलंबित हुआ:- छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड का अजीबोगरीब मामला

देखें निलंबन आदेश:

आशीष तिवारी उप संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)
:मुख्य सचिव कार्यलय द्वारा प्रकरण हाऊसिंग बोर्ड को सौंपा गया
:शिकायत मंत्रालय पहुंचा तो सभी स्तब्ध हो गए
:तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर डीएल वर्मा की भूमिका भी संदिग्ध
रायपुर। छत्तीसगढ हाऊसिंग बोर्ड मामले में एक गंभीर तथा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।
छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में पदस्थ अरुण कुमार ठाकुर एक ही जगह पर 27 साल तक काबिज रहे तथा उसी सीट पर बैठ कर फर्जी तरीके से बाबू से आधिकारी भी बन गए।
हैरत में डालने की बात ये है कि यहां कर्मचारियों ने खुद परीक्षा ली, परीक्षार्थी बने ,पास भी हुए और खुद प्रमोशन भी ले लिया।
आज 27 साल से एक ही जगह पर जमे हुए हैं और फर्जी तरीके अपनाकर बाबू से आधिकारी भी बन गए।जब इसकी शिकायत मंत्रालय पहुंची तो सभी इस पर हैरान रह गए।इस मामले की जांच के आदेश दिया गया है।
शासन द्वारा मिली जानकारी के अनुसार हाऊसिंग बोर्ड में पदस्थ अरुण कुमार ठाकुर एक ही सीट पर कार्य कर रहे थे।
ज्ञात हो कि ठाकुर, शीबू राहा,तथा वी के राव सहायक ग्रेड 3 के पद में अब तक एक ही जगह पर बने रहे।
हैरत में डालने वाली बात ये है कि 2013 में बाबू के पद में रहते हुए विभागीय लेखा परीक्षा का संचालन किया तथा सभी की मिलीभगत से परीक्षा में खुद परिक्षार्थी बन गए। जबकी सरकारी नियमानुसार कोई कर्मचारी परीक्षा में परिकक्षार्थी बनता है तो उसे परिक्षा कार्य से दूर रखा जाता है।और तो और परिक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं शीबू राहा,अरुण ठाकुर की निगरानी में ही 9 महीने तक रखी गई एवम ये दोनो परिक्षा में पास भी हो गए।
तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर डीएल वर्मा की भूमिका भी संदिग्ध:
मिली जानकारी अनुसार यह लेखा परीक्षा उस समय के डिप्टी कलेक्टर डीएल वर्मा के नियंत्रण में हुई थी।इस प्रकार डिप्टी कलेक्टर वर्मा की भूमिका भी इस मामले में पूरी तरह से संदिग्ध दिखाई दे रही है।परीक्षा के नतीजे जारी करने में काफी वक्त लगाया गया करीब सात महीने तक इसे जारी करने का समय लगा जबकि इतना वक्त नतीजा जारी करने में नही लगता है।
परिक्षा के नतीजे आने के बाद भी दोनो ठाकुर और शीबू राहा एक लेखापाल बनकर और एक ने लेखाधिकारी कार्यालय बताकर उसी सीट पर जमे रहे।सिर्फ यही नही बोर्ड के आला आधिकारियों की मदद से इन्होंने एक महिला कर्मचारी की नियुक्ति तक कर दी जो जांच के दायरे में है।
राजनांदगांव के संतोष सिंह इस पूरे प्रकरण के शिकायतकर्ता हैं तथा पूरे प्रकरण में लिप्त आधिकारियों पर केस दर्ज करने की मांग मुख्य सचिव से की है।
छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के प्रशासकीय अधिकारी एचके वर्मा ने कहा है कि मंत्रालय से शिकायत मिली है तथा कैसे को हाऊसिंग बोर्ड की इंटरनल कमिटी में रखा जायेगा उसके बाद कारवाई की कमिटी अनुशंसा करेगी।
फिलहाल ए.के. ठाकुर शाखा अधिकारी, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल, मुख्यालय, पर्यावास भवन, नवा रायपुर अटल नगर, रायपुर के द्वारा कर्तव्य निर्वहन में अनियमितता एवं लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 सहपठित छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल विनियम 1998 के नियम 4 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में ए.के. ठाकुर शाखा अधिकारी का मुख्यालय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल, संभाग जगदलपुर निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जो भी जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी यह आदेश तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है।
देखें आदेश:


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