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आशीष तिवारी

CGPSC लिस्ट मामले में गरमाई सियासत.. गणेश शंकर का तंज-अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मत भूलें CM, जांच कराएं, न की राजनीति करें: PSC चीफ ने अपना फोन बंद कर रखा 
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हाल ही में हुए चयन सूची के जारी होने के बाद राज्य की राजनीति इस मामले को लेकर गरमा गई है। इस मामले में शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा जहां लोकसेवा आयोग के कार्यालय का घेराव करेगा, वहीं राज्य सरकार इसे भाजपा का माहौल खराब करने का एजेंडा बता रही है।
छत्तीसगढ़ में हाल ही में लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा मामले को लेकर चयन सूची जारी की है। इस चयन सूची में जहां लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष के कई रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं, वहीं कई पावरफुल लोगों के परिवार के सदस्य इस सूची में सम्मिलित हैं। 

ऐसे में इस मामले को लेकर जहां सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सूची पर सवाल खड़ा किया है। 

भारतीय जनता पार्टी ने लोक सेवा आयोग की हाल ही घोषित चयन सूची को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और भारतीय जनता युवा मोर्चा इस मामले में अब लोक सेवा आयोग के दफ्तर का घेराव करेगा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मामले को लेकर सवाल खड़ा किए जाने के मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि भाजपा जानबूझकर राज्य का माहौल खराब करना चाह रही है। सरकार का कहना है कि मामले की शिकायत होगी, तो जांच अवश्य होगी, लेकिन भाजपा राजनीति के एजेंडा बनाकर माहौल खराब करने में लगी हुई है।

‘पीएससी एक प्रतिष्ठित संस्था है जिसपर लोग सवाल उठा रहे हैं, CM की नैतिक जिम्मेदारी है जांच कराना, राजनीति न करें:
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा दिए बयान से भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे गैर जिम्मेदाराना बयान बता रहे हैं। भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा का कहना है कि छत्तीसगढ़ पीएससी के ज़रिये प्रतिभाशाली बच्चे राज्य की बेहतर सेवा कर पाते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चयन सूची में सवाल खड़ा होने के बाद जांच की बात करनी चाहिए थी, ना कि इस मामले को लेकर भाजपा पर दोषारोपण करना था।

ऐसे में गणेश शंकर मिश्रा ने सरकार से मांग की है कि बिना विलंब इस मामले की जांच कराई जाए, ताकि पीएससी की निष्पक्षता को लेकर जो संदेह है, वो दूर हो सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

दरअसल दो साल बाद पीएससी राज्य सेवा परीक्षा की चयन सूची घोषित हुई। लेकिन सूची में नामों का अवलोकन करने के बाद कुछ संदेह भी जन्म लेने लगे हैं। सूची के टॉप 15 में अधिकतर चयनित अभ्यार्थियों का संबंध कहीं न कहीं प्रदेश के शीर्षस्थ अधिकारियों या सत्ता के करीबियों से निकल रहे हैं। जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा नेता मामले में CBI से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और परीक्षा कंट्रोलर का नार्को टेस्ट भी कराए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर आक्रामक नजर आ रहे हैं।

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