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आशीष तिवारी

म.प्र.,हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर स्थायीकरण अथवा नियमितीकरण कि मांग:-दैनिक श्रमिक मोर्चा

आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छ. ग. सर्वविभागीय श्रम आयुक्त दर श्रमिक, कलेक्टर दर श्रमिक मोर्चा के द्वारा कानूनी, बजट के अनुरूप, प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के संवैधानिक बाधा मुक्त समाधान सुझाता हुआ एक खुला पत्र "छत्तीसगढ़ी भाषा" में लिखा गया है।

मध्य प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में दैनिक श्रमिक स्थायी, नियमित हुए:
  मध्य प्रदेश में 2016 तक के आवश्यकता अनुसार बिना नियुक्ति पत्र वाले वहाँ कार्यरत 48 हजार दैनिक श्रमिको के स्थायीकरण के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता, एनपीएस, अनुकंपा कि सुविधा युक्त नियम बनाया गया। 30अप्रैल 2023 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने न्यूनतम 4 वर्ष का नियम दैनिक श्रमिकों के नियमितीकरण हेतु लागू किया। उसमे सभी दैनिक श्रमिक जैसे जैसे 4 वर्ष पूर्ण करते जाएंगे अपने संबंधित विभाग में नियमित होंगे। 
 36 हजार  दैनिक श्रमिक छत्तीसगढ़ के 54 विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के समकक्ष कार्यों में बिना नियुक्ती पत्र के आवश्यकता अनुसार रखे गये है, आज भी रखे जा रहे है। इनमे कुछ 1998 के बाद, कुछ 2008 के बाद, कुछ 2018 के बाद कुछ 1 महीना पूर्व, कुछ 10 दिवस से कार्यरत है।  बिना वर्ष बंधन लागू कर इन सभी दैनिक श्रमिको को एक साथ नियमितीकरण अथवा स्थायीकरण न्यूनतम वेतनमान में किये जाने पर मात्र वार्षिक 221 करोड़ अतिरिक्त व्यय आएगा। यदि कोई भी वर्ष बन्धन निर्धारित की जाती है, जैसे 1 लाख शिक्षा कर्मियों के सविलियन हेतु 2 वर्ष का बन्धन तब यह व्यय भार घट भी सकता है। 


सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्ति पत्र धारक ही दैनिक वेतन भोगी सु.को.
  प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में किसी भी प्रकार की कोई कानूनी बाधा नहीं है। म.प्र.,हि.प्र.राज्य जैसी कोई योजना निर्माण से दैनिक श्रमिको के लिए छ. ग. में समाधान निकालना संभव होगा। 
जनवरी 2023 सुप्रीम कोर्ट का निर्णय जो देश मे लागू है। जिसमे सक्षम अधिकारी द्वारा जारी नियुक्ति पत्र धारक ही दैनिक वेतन भोगी है पद विरुद्ध नियुक्त दैनिक वेतन भोगी नियमितिकरण का पात्र कहा गया है। दैनिक श्रमिको के लिए दैनिक वेतन भोगी,आउट सोर्सिंग, प्लेसमेंट, ठेका, अंश कालीन, जॉब दर, मानदेय में नही आने के कारण सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का अड़चन नही है। दैनिक श्रमिको को राजकोष से सीधे सबंधित विभाग से वेतन बैंक खाते में प्रदान किया जाता है। घोषणा पत्र बिंदु क्रमांक 11 का आश्वासन ऐसे सुझाव से सहज पूर्ण किया जा सकता है।

 सरकार को यह खुला पत्र 36 हजार दैनिक श्रमिकों (श्रमायुक्त दर/कलेक्टर दर)  के द्वारा लिखा गया है। इसमे अजय त्रिपाठी, आकाशदीप राठौर, विष्णु पटेल, राम साहू, मोनू दुबे,रियाज नवाज, यज्ञ नारायण चंद्रा, विक्की, श्री मति दिव्या सिंह,बहन कुसुमलता साहू, बहन प्रीति पटेल, पंकज, राघवेंद्र द्विवेदी आकाश कुमार सिन्हा हीरालाल ध्रुव, राहुल ओझा,दीपेश भतपहरी, सत्यम शुक्ला की प्रमुख भूमिका है।

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