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आशीष तिवारी

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हुई एफआईआर दर्ज, महादेव बैटिंग ऐप मामले में EOW के शिकंजे में फंसे बघेल:-


आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर (छ.ग.)

रायपुर। लोकसभा चुनाव के पहले ही आखिर EOW ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर अपना शिकंजा कस ही दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आईपीसी के तहत जालसाजी, धोखाधड़ी,विश्वासघात, आपराधिक साजिश के तहत कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत EOW ने मामला दर्ज किया है।

बढ़ सकती है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें:
ज्ञात हो कि राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन इस एफआईआर से अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें काफी बढ़ने के आसार साफ़ साफ़ नजर आ रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में मुख्यमंत्री के रुप में भूपेश बघेल का कार्यकाल घोटालों से भरा रहा चाहे कोल खनन परिवहन घोटाला हो, शराब घोटाला, पीएससी घोटाला, राइस मिलिंग में घोटाला, जमीन घोटाला और कई घोटाले भूपेश बघेल के कार्यकाल में अंजाम दिए गए हैं। अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ही बुरी तरह EOW और ED के शिकंजे में फंसे हैं और उन पर मामला भी दर्ज कर लिया गया है। यह मामला महादेव ऐप को लेकर हुए 508 करोड़ रूपए लेने के मामले में भूपेश बघेल पर दर्ज़ हुआ है।
बता दें की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी उनकी खुद की उपसचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई, कोरबा कलेक्टर रानू साहू, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी जेल में बंद हैं। समूचा छत्तीसगढ़ प्रदेश बघेल के कार्यकाल से भलीभांति परिचित है कि उनके कार्यकाल में कौन कौन से घोटाले हुए यहां तक कि गौ धन न्याय योजना, गोबर घोटाले में भी इनकी संलिप्तता रही है। इनके विशेष सलाहकार विनोद वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के पुत्र चैतन्य बघेल, तक का नाम भी सामने आ चुका है, अब देखना यह होगा की यह दर्ज मामला किस निर्णायक मोड़ की ओर रुख करती है और भूपेश बघेल के साथ आगे अब क्या हो सकता है।

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