सदन में गूंजा नियमितिकरण का मामला, तीखी बहस के बाद विपक्ष के नेताओं ने किया वॉकआउट…
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में बुधवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण का मामला उठाया। इस पर पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस भी हुई। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के नेताओं से सदन से वॉकआउट किया।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि प्रदेश में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी के कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया? जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 11 दिसम्बर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव विधि-विधायी, सचिव सामान्य प्रशासन, सचिव वित्त, सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और सचिव आदिम जाति-अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है।
सीएम बघेल ने बताया कि, विभागों और निगम, मंडल और आयोगों से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है। कई मामले कोर्ट में चल रहे है। कई विभागों से जानकारी आ चुकी हैं और कई विभागों से जानकारी आनी बाक़ी है। 28 मई 2019 को महाधिवक्ता को चिट्ठी लिखकर अभिमत मांगा गया है। कोरोना की वजह से भी देरी हुई। हमारी कोशिश है कि घोषणा पत्र के वादे पूरे किए जाएंगे।
बीजेपी नियमितिकरण के लिए अभिमत का मामला भी उठाया। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभिमत भी आएगा और नियमितिकरण भी होगा। इस पर नाराजगी जताते हुए विपक्ष ने नारेबाजी की। स्थिति को देखते हुए आसंदी ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की।
इसके बाद कार्यवाही शुरू होने के बाद फिर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने नियमितिकरण का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं निर्देशित करूंगा कि जल्द से जल्द कमेटी की बैठक आयोजित की जाए। अभिमत की प्रक्रिया तेज की जाए। साथ ही जानकारी के लिए भी निर्देशित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया।
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