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आशीष तिवारी

 महर्षि वाल्मीकि पुरुस्कार से नवाजे जाएंगे सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. बालकृष्ण तिवारी:- वर्ष 2022 में राज्य अलंकरण पुरस्कार संस्कृत भाषा सम्मान के लिए भी नवाजे जा चुके हैं 

आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर (छ.ग.)

वर्ष 2020 में ही डॉ बालकृष्ण तिवारी जी का नाम वाल्मिकी पुरुस्कार के लिए चयन किया गया था लेकिन कोविड काल के चलते सम्मान समारोह नही हो पाया था:

रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा न्यू सुभाष नगर के निवासी सेवानिवृत प्राचार्य डॉ बालकृष्ण तिवारी जी को इस वर्ष महर्षि वाल्मीकि पुरुस्कार से नवाजा जाएगा।
डॉ बालकृष्ण तिवारी जी लगभग 50 वर्षों से संस्कृत भाषा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं और विभिन्न संस्कृत निष्ठ कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं तथा सभी को प्रेरित करते हैं। विगत वर्ष 2022 में भी छत्तीसगढ राज्य अलंकरण पुरस्कार संस्कृत भाषा सम्मान के लिए भी डॉ साहब नवाजे जा चुके हैं।
डॉ बालकृष्ण तिवारी जी का नाम मप्र तथा छग के 21 संस्कृत के प्रकांड विद्वानों में लिया जाता है जिन्होंने संस्कृत भाषा को संजोने में अपना काफी अहम योगदान दिया है। डॉ साहब ने संस्कृत भाषा कृषि में पीएचडी भी की है और संस्कृत, हिंदी भाषा के ख्याति प्राप्त शिक्षक भी रहे हैं तथा छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के बोर्ड में सदस्य भी रहे। डॉ तिवारी जी द्वारा संस्कृत साहित्य एवं प्राच्यविद्याओं के क्षेत्र में शोध, लेखन एवं सम्पादन में विशेष कार्य भी किया गया है।
डॉक्टर साहब को अयोध्या में भी छत्तीसगढ,मध्यप्रदेश के 21 प्रकांड विद्वानों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने पर भी सम्मान किया जा चुका है।

क्यों और किस क्षेत्र के लिए दी जाती है महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार:
महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार संस्कृत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले संस्कृत विद्वानों को दिया जाता है। छत्तीसगढ़ संस्कृत महर्षि वाल्मीकि सम्मान राज्य के ऐसे विद्वान या विदुषी को प्रदान किया जाता है जिसने संस्कृत में गद्य, पद्य अथवा चंपू में नई रचना की हो।
यह पुरुस्कार कार्यक्रम राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के बैठक हॉल में आयोजित किया जाएगा तथा यह महर्षि वाल्मीकि पुरुस्कार छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम रायपुर द्वारा प्रति वर्ष राष्ट्रीय एवम राज्य स्तरीय संस्कृत के मेधावी छात्रों के सम्मान में किया जाता है।
वर्ष 2020 में ही सेवानिवृत प्राचार्य डॉ बालकृष्ण तिवारी जी का चयन वाल्मिकी पुरुस्कार के लिए किया गया था लेकिन कोविड काल चलने के कारण यह सम्मान समारोह आयोजित नही हो पाया था जो अब 18 जुलाई 2023 को आयोजित किया जाएगा।
 

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