रायपुर AIIMS हॉस्पिटल में ठेका प्रथा से परेशान कर्मचारीयों का हड़ताल, एम जे सोलंकी तथा मानसिंह परमार कर रहे मनमानी, कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा:-
*कर्मचारीयों को बनाया जा रहा बंधक,दी जा रही धमकियां*
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)
रायपुर। राजधानी रायपुर के AIIMS हॉस्पिटल में ठेका प्रथा से प्रताड़ित कर्मचारीयों द्वारा हड़ताल कि जा रही है,तथा ठेकेदार एम जे सोलंकी, मानसिंह परमार की मनमानी से परेशान AIIMS कर्मचारियों को सड़क में हड़ताल करने कि नौबत आ गई है।
AIIMS हॉस्पिटल के कर्मचारीयों ने बताया कि किस प्रकार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और धमकियां भी दी जा रही है।कुछ को तो इस हड़ताल में शामिल नही होने दिया जा रहा है और उनको बंधक बना के रखा गया है।
अटेंडेंस के नाम पर जंगली प्रथा:
AIIMS आउटसोर्सिंग एंप्लॉय यूनियन के उपाध्यक्ष एस सी भट्टाचार्य ने बताया यहां मनमानी इस कदर चल रही है कि अगर कोई कर्मचारी एक मिनट भी देर से पहुंचते हैं तो उन्हे आगामी दस दिनों के लिए एब्सेंट कर दिया जाता है।
वहीं डायरेक्टर नागरकर तथा ठेकेदार एम जे सोलंकी पर कर्मचारीयों का जमकर गुस्सा फूटा और कहा कि अगर डायरेक्टर नागरकर चाहे तो इस समस्या का हल निकल सकता है लेकिन नागरकर के प्रतिनिधि मंडल चीफ लेबर कमिश्नर के ऑफिस में जा के कहता है कि ठेका मजदूर मामले में हमारी कोई जिम्मेदारी नही है।
ठेकेदार कहता है कि नागरकर मेरा मित्र है और उसी के कहने से मैं सब करता हूं:
उपाध्यक्ष भट्टाचार्य जी का कहना है कि समस्या डायरेक्टर तथा ठेकेदार सोलंकी की ज्यादा है क्योंकि ठेकेदार कहता है कि नागरकर मेरा मित्र है और उसी के कहने से मैं सब कर रहा हूं और निकाल रहा हूं जिसको जो करना है कर लो।
नागरकर के राज में अन्य साथियों को बंधक बना के रखा जा रहा तथा हड़ताल में शमिल ना होने की धमकी दी जा रही:
भट्टाचार्य जी ने आगे ये भी बताया कि कल रात में जो नाईट शिफ्ट में ज्वॉइन किए उन्हें भी बाहर निकलने नही दिया जा रहा है और उन्हे नागरकर के राज में बंधक बना के रखा गया है इससे बड़ा असभ्यता का और क्या प्रमाण हो सकता है।
AIIMS के कर्मचारियों से हमने सीधा संवाद किया तो उन्होने क्या कहा आगे पढें:
AIIMS के कर्मचारियों से जब हमने सीधा संवाद किया और स्थिति को समझने की कोशिश कि तो महिला कर्मचारी संगीता सोनी ने बताया कि मैं 8 सालों से AIIMS में कार्यरत रही हूं पहले के मैनेजर और ठेकेदार थे उन्होने कभी इस तरह का बर्ताव नही किया लेकिन अभी के ठेकेदार एम जे सोलंकी, मानसिंह परमार अवैध तरीके से अपनी मनमानी कर रहे हैं। बिना गलती के ड्यूटी से निकाल दिया जाता है और जब पूछा जाता है कि हमारी गलती क्या है इस पर ये कहा जाता है कि तुम्हारी कोई गलती नही है फिर भी हम तुम्हे निकाल रहे हैं जो करना है कर लो।
श्रम आयुक्त से शिकायत करने पर ठेकेदार का कहना कि मेरा टेंडर है मेरी मर्जी मैं जिसे चाहूं रखूं,जिसे निकाल दूं:
कर्मचारी संगीता सोनी ने बताया कि श्रम आयुक्त के समक्ष शिकायत करने पर ठेकेदारों का ये कहना है कि मेरा टेंडर है मेरा कंपनी है मैं जिसे चाहूं रखूं जिसे चाहूं निकाल दूं।
संगीता सोनी ने बताया कि कुछ वर्कर हमारे साथ आना चाहते है लेकिन उनसे भी जबरिया साइन करवाकर नौकरी से निकाल देंगे ऊपर से ऑर्डर आया है कह कर यह धमकी दी जा रही है और हड़ताल में शामिल होने से उन्हे रोका जा रहा है।
4 कर्मचारी को निकाल कर उनकी जगह 9 नई भर्ती की गई जब निकालना ही है तो नई भर्ती क्यों की जा रही:
कर्मचारी अरुण कुमार गुप्ता सब स्टेशन ऑपरेटर ने बताया कि वह पिछले 7 सालों से यहां काम कर रहे हैं और बिना कारण हमें यहां से निकाल दिया गया। हमने ज्ञापन भी सौंपा और पूछा भी कि हमे क्यों निकाला गया लेकिन कोई भी कारण नही बताया गया। अरुण कुमार ने बताया कि उनके अन्य 4 साथियों को भी यहां से निकाल दिया गया और 9 लोगों की भर्ती कर दी गई ,जब हमे निकाला जा रहा और अन्य 9 लोगों की नई भर्ती की जा रही है तो हमने क्या बिगाड़ा है।
इस ठेका प्रथा से प्रताड़ित हड़ताल में पदाधिकारी एवम सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए और अपनी आप-बीती सामने रखी।
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