ASHISH TIWARI
आशीष तिवारी
छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार एवं कर्मचारी काँग्रेस के प्रदेश प्रभारी महामंत्री राजू साहू ने विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं:-
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
रायपुर।छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार एवं कर्मचारी काँग्रेस के प्रदेश प्रभारी महामंत्री राजू साहू ने प्रदेशवासियों को विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। विश्व आदिवासी दिवस पर छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार एवं कर्मचारी काँग्रेस के प्रदेश प्रभारी महामंत्री राजू साहू ने कहा है कि 09 अगस्त छत्तीसगढ़ सहित पूरे विश्व में आदिवासियों के लिए एक महापर्व है। जनजाति बाहुल्य प्रदेश होने के कारण छत्तीसगढ़ को जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर विरासत में मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम विरासत और संस्कृति को सहेजते हुए उनके विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है। कोशिश है कि प्रकृति के करीब जीवन जीने वाली यहां की 31 प्रतिशत आदिवासी जनता को सभी आवश्यक नागरिक सुविधाएं और आगे बढ़ने के सभी साधन सुलभ हों।
राजू साहू ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं से उनका जीवन अधिक सरल हो सका है। तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने, 65 तरह के लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर संग्रहण और विक्रय के साथ ही इनका स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से हजारों आदिवासियों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार ने वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार को मजबूत किया है। वन अधिकार पट्टों के मिलने से हजारों आदिवासियों की आवास और आजीविका की चिंता दूर हुई है।
प्रदेश प्रभारी महामंत्री साहू जी ने बताया कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आदिवासी संस्कृति का परिचय देश-दुनिया से कराने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे आयोजनों की शुरूआत की गई है। विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया हैै। देवगुड़ियों और घोटुलों के संरक्षण और संवर्धन से आदिम जीवन मूल्यों को सहेजने और संवारने का काम राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृतियों को समझने का अवसर मिला है।
अंत मे उन्होंने कहा की मैं छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक एवं आदिवासी मूल के सभी भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करता हूँ और कामना करता हूँ कि आदिवासी भाई-बहनें निरंतर छत्तीसगढ़ की परंपरा तथा संस्कृति को इसी तरह सहेज कर रखें।