रायपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के सक्रिय संगठनो ने अपने अपने विभाग के तृतीय श्रेणी में कार्यरत दैनिक श्रमिको के लिए दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्त करते हुए वरिष्ठता के आधार पर नियोजित करने एवं चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत दैनिक श्रमिकों के लिए आकस्मिकता निधि/ कार्यभारित रिक्त चतुर्थ श्रेणी पदों में वरिष्ठता के आधार पर नियोजित करने का सुझाव पृथक पृथक ज्ञापन पत्र के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंन्त्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व वित्त विभाग के सचिवों को पत्र लिख कर दिया।
पत्र में आकस्मिकता निधि कार्यभारित, दैनिक वेतन भोगी को कलेक्टर दर वेतन प्रदान करते हुए, तीन वर्ष पश्चात कार्यरत सबंधित विभाग, पद में मर्ज करने का निवेदन किया गया है। साथ ही अनुपूरक बजट में घोषित 4 हजार रु वेतन वृद्धि प्रदान न करने हेतु लिखा गया है।
दिए गए सुझाव पत्र पर अजय त्रिपाठी स्वास्थ्य विभाग प्रान्त प्रमुख ने कहा सरकार को ऊमादेवी प्रकरण बाधा मुक्त समाधान इस ज्ञापन में सुझाया गया है।
वही लोक निर्माण विभाग के प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने कहा कि दिया गया सुझाव सरकार के लिए वित्तीय बोझ मुक्त समाधान है। आगामी तीन वर्ष तक कोई वित्तीय भार शासन पर नही आएगा। वही सभी वरिष्ठ बिना नियुक्ति पत्र वाले दैनिक श्रमिको को भविष्य में नियमित करने में सुविधा होगी, शेष बिना नियुक्ति पत्र वाले दैनिक श्रमिक समय के साथ साथ नियमित होते जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में यही योजना लागू की गई थी। जहा समस्त का नियमितिकरण 2023 में किया भी गया।