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आशीष तिवारी

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवम छत्तीसगढ़ दै.वे.भो.कर्मचारी फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से नियमितीकरण 4 सूत्रीय मांग हेतु 14 जुलाई को करेगी धरना प्रदर्शन तथा मुख्य्मंत्री निवास घेराव:-

आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर (छ.ग.)

रायपुर।प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों [संविदा, दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर. + श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका] अपने नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर विगत वर्षों से निरंतर संघर्षरत है।
अवगत होंगे कि कांग्रेस ने अपने "जन घोषणा पत्र" के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है। अनियमित मंच से 14.02.2019 को माननीय मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए कि इस वर्ष किसानों लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा | अनियमित संघो के आवेदनों का परिक्षण करने कमेटी बनाई गई जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी / कलेक्टर दर / श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन ठेका) अनियमित ही है।
वादा के विपरीत कांग्रेस की सरकार नियमितीकरण नहीं किया / आउटसोर्सिग बंद नहीं किया, कर्मचारियों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन एवं संविदा वेतन वृद्धि रोक दिया गया, कई विभागों से छटनियां कर दी गई है।
समस्यायों के निराकरण हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने अनेक प्रयास किये पर मुलाकात का समय नहीं दिया। सरकार द्वारा अनियमित कर्मचारियों के समस्याओं पर किसी प्रकार कार्यवाही नहीं होने से अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित है।
प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों की मांगो पर 13 जुलाई 2023 तक पूर्ण नहीं किये जाते है तो “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में 14 जुलाई 23 को धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव की सुचना मुख्यसचिव को दिया जा चूका है।
इस कार्यक्रम में प्रदेश भर के 10 हजार से अधिक संविदा, दैनिक वेतन भोगी
कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका कर्मचारी सम्मिलित होंगे।
4 सूत्रीय मांग:
1. समस्त अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मचारी / अधिकारीयों को नियमित किया
जाये तथा नियमितीकरण से वंचित को स्थायी कर्मी बनाकर स्थायीकरण किया जावे।
 2. विगत वर्षों से निकाले गए / छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे। 
3. अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाये |
 4. शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका / प्रथा को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे तथा नियत अवधि में नियमित किया जावे।

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