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आशीष तिवारी

काँग्रेस पार्टी के पास छत्तीसगढ़ में राज्यसभा के लिए कोई योग्य व्यक्ति नही,बाहर के लोगों को मौका और छत्तीसगढ़वासियों के साथ छल:-

आशीष तिवारी उप-सम्पादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
राजधानी/रायपुर। काँग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपने 10 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है।
जिसमे छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन उम्मीदवार होंगे। यह मामला अब छत्तीसगढ़ की राजनीति में तूल पकड़ते जा रहा है विपक्षियों के लिए,और देखा जाए तो सत्य भी है कि क्या छत्तीसगढ़ में काँग्रेस पार्टी के पास एक भी योग्य व्यक्ति क्या राज्यसभा जाने के योग्य नही है।
क्या इसीलिए छत्तीसगढ़ की जनता ने इतना बड़ा जनादेश पहले 68 सीट के बाद 3 सीट खैरागढ़, दंतेवाड़ा तथा मरवाही कुल 71सीटों के साथ काँग्रेस पार्टी को पिछली बार छत्तीसगढ़वासियों ने दिया जहाँ से एक भी उम्मीदवार छत्तीसगढ़ से इनको दिखाई नही दे रहा है, बड़ी अजीब विडंबना है।

उधर छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ मरकाम का यह त्याग का वक्त है कह कर अलग ही राग-अलापना चल रहा है और उनका कहना है कि-
"काँग्रेस पार्टी को कुछ देने का समय है,काँग्रेस पार्टी ने काँग्रेस जनों को बहुत कुछ दिया है,इसलिए अब त्याग करने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ मरकाम का कहना है कि पार्टी का यह फैसला सही है तथा पार्टी के सभी लोग काँग्रेस पार्टी के निर्णय को स्वीकार करते हैं।लेकिन मरकाम जी यह बात अपने हृदय से कह कर बताइए कि क्या आपकी पार्टी में छत्तीसगढ़ से एक भी व्यक्ति राज्यसभा जाने के योग्य नही है।आपको सिर्फ पार्टी को केंद्र में मजबूत करने की सुझी हुई है।
इस मामले पर डॉ. रमन सिंह ने भी तंज कसते हुए ट्विट किया है कि-
काँग्रेस और भूपेश बघेल के लिए छत्तीसगढ़िया सिर्फ बातों में है,लेकिन जब नेतृत्व की बात आती है तो इधर-उधर से राज्यों के नेता आयातित कर उन्हें राज्यसभा भेज देते हैं। यह सरकार छत्तीसगढ़ी लोगों के अधिकार छीनने में लगी हुई है।

खैर इस आपसी राजनीतिक बयानबाजी में एक बात तो बिल्कुल सत्य है कि भाजपा हो या काँग्रेस हो सभी ऐसे मौकों पर अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने में लग जाते हैं, लेकिन पिसते हैं प्रदेशवासी।
यही हाल अभी कुछ दिन पूर्व संगठन प्रभारी महामंत्री को लेकर हुआ जहां एक को हटाकर दूसरे को बैठा दिया गया वो भी महज 8 महीने के भीतर और हवाला दिया गया संगठन चुनाव का,खैर राजनीतिक पार्टीयों का क्या है सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि यह तो पब्लिक है जो सब जानती और समझती है।

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