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आशीष तिवारी

भिलाई Bsp चुनाव में इंटक की हार अब तक मे पहली बार जीती भाजपा मजदूर संघ,प्रदेश काँग्रेस सरकार को लगा झटका:-
  *काँग्रेस के अंदर अपने ही मजदूर संगठन की अनदेखी*
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
छत्तीसगढ़/भिलाई।काँग्रेस इंटक विंग की भिलाई स्टील प्लांट के मजदूर यूनियन चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा तथा अब तक मे भाजपा की यूनियन विंग ने चुनाव जीत दर्ज करवा ली है।यह पहली बार हुआ है जब भाजपा के मजदूर यूनियन की जीत bsp में हुई है और इंटक की हार हुई है।
जबकि यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री तथा मुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के बाद भी इंटक को इस चुनाव में करारी शिकस्त देखनी पड़ी है।
bsp के इस चुनाव  में पूर्व भाजपा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय तथा कार्यकर्ताओं की मुख्य भूमिका रही है।भारतीय मजदूर यूनियन संघ तथा दुग्ध महासंघ के नेताओं ने बताया कि यह इतिहास रचा गया है जबकि विपक्षी पार्टी तथा मार्क्सवादी समर्थकों को हार का मुँह देखना पड़ा है।इंटक गठबंधन को 3132 वोट तथा बीएमएस को 3582 वोट प्राप्त हुए हैं।
जानकारी के अनुसार चुनाव में दो रणनीतिकारों की रणनीति काम मे आई एक तो पूर्व भाजपा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय तथा भाजपा कार्यकरिणीय सदस्य शिरीष अग्रवाल की मुख्य भूमिका रही है तथा इतिहास में पहली बार यहाँ से भाजपा-आरएसएस की भारतीय मजदूर संघ इकाई ने यह चुनाव जीता है।

   काफी समय से छत्तीसगढ़ काँग्रेस खेमे के भीतर कुछ ठीक नही चल रहा है, क्योंकि कुछ दिन पूर्व में ही छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पंचायत मंत्री के पद से मुक्ति पाकर सरकार के काम-काज को लेकर सवालों के कठघरे मे खड़ा कर दिया है।इसीलिए कामकाज में असमर्थता के कारण सिंहदेव को पंचायत विभाग से इस्तीफा देना पड़ गया।

  *कांग्रेस के अंदर अपने ही मजदूर संगठन की अनदेखी* असंगठित कामगार जो राहुल गांधी ने बनायी उसे कही सरकार में प्रतिनिधित्व न मिलना इसके अलावा जब से कांग्रेस की सरकार आयी है तब से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की कोई पूछ परख न होना जनता कांग्रेस और बीजेपी के लोगों को लाभ पहुंचाने के कारण यह स्थिति बनी है एक निजी चेनल द्वारा कुछ ही दिन पहले बताया गया कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपना जनाधार खो रही है ऐसे में मुख्यमंत्री सिर्फ अपने करीबी लोगों से ही मिलते हैं कार्यकर्ता अपने मुख्यमंत्री से मिलने अपनी बात भी नहीं रख पाते हैं। कोविद के समय कांग्रेस के मजदूर संगठन के कई नेताओं की जान चली गयी सरकार या उनका कोई प्रतिनिधि उनकी अनदेखी कर दिये आज भी मजदूरों के संगठन आस लगाए है कि कुछ महत्व मिले पर कोई सुनवाई भी नही है ऐसे में मजदूर अब कांग्रेस से दूरी बना रहे।

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