विधान चुनाव को सीधे प्रभावित करने वाले गुड्डू महाराज रवीन्द्र द्विवेदी ने ठोकी ताल,बदल सकती है जांजगीर चांपा के राजनीतिक समीकरण:-
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)
जांजगीर/चांपा। छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है, जांजगीर चांपा विधानसभा में संगठन से जुड़े कांग्रेस नेताओं को ईस बार टिकट मिलने की उम्मीद है । पिछले पाँच चुनावों को देखा जाए तो भाजपा से नारायण चंदेल और कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है । ईस सीट से से तीन बार नारायण चंदेल और दो बार मोतीलाल देवांगन अपना परचम लहरा चुके है। पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी में प्रत्याशी परिवर्तन की मांग जोरों पर थी । यही वजह थी कि पिछले चुनाव में कांग्रेस की लहर के बाद भी मोतीलाल देवांगन को हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार कांग्रेस में प्रत्याशी परिवर्तन की पूरी संभावना है:
कांग्रेस संगठन से जुड़े नेता भी टिकट मिलने की उम्मीद में जोर आजमाईस पर लगे हुए हैं । लेकिन लोकप्रिय समाजसेवी और कांग्रेस नेता रविंद्र द्विवेदी उर्फ गुड्डू महाराज की दावेदारी से जांजगीर चांपा विधानसभा के समीकरण एक बार फिर बदल सकता है।वैसे तो द्विवेदी पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन के करीबी माने जाते हैं, पिछले चुनाव के परिणामों को देखें तो कांग्रेस प्रत्याशी मोतीलाल देवांगन के हार जीत गुड्डू महाराज पर ही निर्भर रहती है आम चर्चा है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मोतीलाल देवांगन ने अपना चुनाव संचालक किसी और को बनाया था, जिसके कारण उन्हें चुनाव में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था । ठीक ऐसे ही वर्ष 2008 में रविंद्र द्विवेदी ने मोतीलाल देवांगन का साथ छोड़कर बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था और कांग्रेस प्रत्याशी देवांगन महज 1100 वोटों से जीती हुई बाजी हार गए थे।
वर्ष 2013 में देवांगन के चुनाव संचालन की कमान गुड्डू महाराज के हाथों में थी और देवांगन विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब भी हुये थे । मगर इस बार एक बार फिर से रविंद्र द्विवेदी कांग्रेस पार्टी से जांजगीर चांपा विधानसभा से दावेदारी का ताल ठोक चुके हैं, द्विवेदी के समर्थकों का कहना है कि रविंद्र द्विवेदी कांग्रेस पार्टी से टिकट मिले या ना मिले उनका चुनाव लड़ना तय है।अगर ऐसा हुआ तो जांजगीर-चांपा विधानसभा की सीट कांग्रेस के हाथ से फिर खिसक सकती है।
जिला विभाजन के बाद जांजगीर-चांपा जिले में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है ऐसे में रवीन्द्र द्विवेदी जैसे लोकप्रिय नेता के बिना जिले में कांग्रेस का खाता मुश्किल हो सकता है।
चर्चा यह भी है कि यदि:
मोतीलाल देवांगन को जांजगीर चांपा से कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं बनाएगी तो वे अपने बेहद करीबी रविंद्र द्विवेदी के समर्थन में उतर सकते हैं यदि ऐसा हुआ तो रविंद्र को कांग्रेस से विधानसभा प्रत्याशी बनाया जा सकता है ।
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