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आशीष तिवारी

बेमेतरा से सिंगल नाम के पेनल में भड़की जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा,कहा फिर आवेदन लेने का ढकोसला क्यों,कुमारी सैलजा और मुख्यमंत्री से शिकायत की 
तैयारी:-

आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

छत्तीसगढ़/बेमेतरा। जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने कहा बेमेतरा से 19 आवेदन विधानसभा प्रत्याशी बनाये जाने के लिए आये थे,टीवी चैनलों, समाचार पत्रों और कांग्रेस के अंदर खाने से मिली खबरों से पता चला है कि बेमेतरा से सिंगल नाम जिला कांग्रेस से भेजा गया है,यही करना था तो आवेदन लेने का ढकोसला क्यों किया गया , क्या 3 लोग भी कांग्रेस पार्टी में पैनल में भेजने लायक नही मिले, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन है,उपर नेताओ से मिलने पर वो आस्वस्त करते हैं कि आपका नाम नीचे से आएगा तो उस पर पूरी गंभीरता से विचार होगा,बांकियों के नाम से योग्यतावान को फिर डर कैसा ,जाने देते नाम,इन्ही सब घटना क्रम से निष्ठावान कांग्रेसियों का मन टूटता है,यह सरासर हिटलर साही है,आपने जब एक ही नाम भेजा है तो स्क्रीनिंग कमेटी का काम ही क्या बच जाएगा,स्क्रीनिंग तो पहले ही हो चुका,इस परिपाटी के दूरगामी परिणाम अच्छे नही होंगे जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रभारी कुमारी शैलजा ने भी सिंगल पैनल भेजे जाने पर राजीव भवन में नए बने सचिवों के प्रथम सम्मेलन में अपनी नाराजगी जता चुके हैं,कांग्रेस पार्टी किसी की बपौती नही कार्यकर्ताओ के खून पसीने और बलिदानियों की पार्टी है,इसे कोई अपने घर की मिल्कियत समझ दबाव पूर्वक संगठन के पदाधिकारियों से काम करवाये ये नही चलेगा,
बेमेतरा की सुधि जनता, पार्टी के कार्यकर्ताओं और बुद्धजीवियों से भी पूछना चाहती हूं,अरे उपर से जो नाम फाइनल होगा वो मंजूर है पर ये कैसा राजनीतिक चरित्र है कि आप उपर तक नाम ही न जाने दे,किसी महिला का नाम नही मेरे से परहेज है तो किसी
अन्य का भेज देते लेकिन नाम भेजने का कोई तो पैमाना होगा ,काम करने वालो का सक्रियता का कोई तो मूल्यांकन होना चाहिए,मैं राजनीति में पैसे कमाने या ठेकेदारी करने के लिए नही आई हूं,आई हूं कि लोगो के अधिकार के लिए लड़ूं ,वंचितों को न्याय दिलाऊ, और अगर मैं अपने ऊपर हो रहे अन्याय के खिलाफ ही नही बोल सकूं तो दूसरों की आवाज क्या बन सकूंगी,पुरजोर इस बात का विरोध करूंगी की पैनल में भेजे जाने वाले नामो के लिए कोई मापदंड है या नही है तो क्या है कार्यकर्ताओ के बीच स्पस्ट होना चाहिए नाम किस आधार पर काटे  गए वह पैमाना भी लिए गए आवेदकों को स्पष्ट किया जाना चाहिए, पारदर्शिता के इस युग मे षडयंत्रो की तुरपाई खुलनी ही चाहिए,क्या बाँकी लोगो का नाम इसलिए काटा गया कि पैसे वाले नही हैं,या सरनेम अच्छा नही लगा ,आखिर किस बात के दबाव में सिंगल नाम भेजा गया है,स्पस्ट किया जाना चाहिये,इसकी शिकायत सभी वरिष्ठ नेताओं से की जाएगी।

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