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आशीष तिवारी

नड्डा हैं सूट-बूट की सरकार के हाथों की कठपुतली-जावेद खान
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

*जी हुजूरी की वजह से नड्डा हैं मोदी शाह की पहली पसंद गरीबों के हक पर डाका डालने में सरकार के साथ बराबर के हैं दोषी*-जावेद खान
*अडाणी प्रेम में अंधी हो चुकी सरकार के साथ मिलकर नड्डा देश वासियों के साथ साथ भाजपा संगठन को भी कर रहे गुमराह*- जावेद खान
*नड्डा पहले अपना प्रदेश ही बचा लेते फिर छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का दम्ब भरते तो बेहतर होता*-जावेद खान


जगदलपुर।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल फूंकने के लिए बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचे हुए हैं जेपी नड्डा के बस्तर दौरे को लेकर भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन पर तीखा हमला बोला है और अनेकों तंज कसे हैं।
जावेद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर सूट-बूट की सरकार के हाथों की कठपुतली होने का तंज कसते हुऐ कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार लगातार देश के गरीबों के साथ कुठाराघात कर रही है गरीब को और गरीब और अमीर को और अमीर बनाने का काम कर रही है यह बात वर्तमान में आए देश के बजट से स्पष्ट हो जाती है केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तब गरीबों को भोजन का अधिकार देने खाद्य आपूर्ति हेतु यूपीए सरकार बजट में ₹100 में ₹7 खाद्य आपूर्ति के लिऐ रखती थी पिछले वर्ष तक मोदी सरकार इस निधि में ₹1 की कटौती करते हुए ₹6 प्रति वर्ष रखती आई थी परंतु इस वर्ष के बजट में इस राशि को ₹2 और घटाकर मात्र ₹4 कर दिया गया है जो गरीबों के हक के साथ कुठाराघात है और इस कटौती पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का मुक दर्शक बना रहना मोदी शाह की जी हुजूरी करते हुए उनकी हाँथों की कठपुतली बना रहना दर्शाता है,
जावेद ने इस बजट में मनरेगा की राशि को भी कम करने को लेकर केंद्र सरकार और जेपी नड्डा पर तंज कसा है जावेद ने कहा लॉकडाउन के दौरान देश की जनता के लिए लाइफ लाइन का काम करने वाली मनरेगा स्कीम  के बजट में ऐतिहासिक कटौती की है अब तक की सरकारें मनरेगा पर ₹100 में से ₹2 खर्च करती आई है परंतु इस वर्ष के बजट में इस ₹2 में से 70 पैसे की कटौती करते हुए इसे ₹1.30 पैसा कर दिया गया है जो कहीं ना कहीं देश के गरीबों के साथ अत्याचार है बावजूद इसके जेपी नड्डा खामोश है।
जावेद ने आगे कहा है यूपीए की सरकार के दौरान कारपोरेट जगत को ₹100 में ₹38 टैक्स देना पड़ता था वही मध्यमवर्ग को ₹26 और जनसाधारण के लिए ₹23 बजट में प्रावधान किया जाता था परंतु वर्तमान बजट में अपने औद्योगिक मित्रों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से टैक्स के स्लैब को पूरा उल्टा कर दिया गया है वर्तमान में जो बजट पेश किया गया है उसके अनुसार अब कॉर्पोरेट जगत को मात्र ₹27 मध्यमवर्ग पर 1/- का भार बढाकर ₹27 और जनसाधारण जो स्वयं सरकार पर आश्रित होता है को ₹39 प्रति ₹100 पर कर देना अनिवार्य कर दिया गया है कुल मिलाकर इस सूट-बूट की सरकार के द्वारा औद्योगिक घराने को फायदा देकर उसकी भरपाई जन साधारण से करने पर उतारू हो गई है बावजूद इसके भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खामोश है वो चूं तक नहीं कर रहे लगातार देश के गरीबों को और गरीब बनाया जा रहा है और अमीरों को और अमीर परंतु जिस पार्टी के नाम पर जिस पार्टी के सिंबल पर देश की जनता ने वोट किया और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई आज उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाम मात्र के रह गये हैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की खामोशी यह दर्शाती है कि गरीबों के साथ हो रहे कुठाराघात के लिए सरकार के साथ साथ वो स्वयं बराबर के दोषी हैं।
जेपी नड्डा मोदी शाह के साथ मिलकर अदानी प्रेम में इस कदर अंधे हो चुके हैं कि देश की जनता के साथ साथ अब वो भाजपा संगठन को भी गुमराह करने में लगे हुऐ हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी को यदि सबसे ज्यादा सहयोग किसी से मिलता है तो वह औद्योगिक वर्ग है व्यापारिक वर्ग है परंतु केवल अडानी अंबानी को ही फायदा पहुंचाने के लिए दूसरे सभी औद्योगिक घरानों को यह सरकार नजरअंदाज करके चल रही है जिसका परिणाम यह है कि जो अडानी 2014 तक 6.20 मिलीयन डॉलर की संपत्ति का मालिक था उसकी संपत्ति में 2014 से 2022 तक 2300% की अपार बढ़ोतरी के साथ वर्तमान में 147 बिलियन डॉलर की हो चुकी है जो दर्शाता है की मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र में व्यापार करने की खुली छूट अडानी ग्रुप को दे रखी है और बैंको के लाकर खोल दिये गये हैं मित्रों के लिऐ बावजूद इसके जेपी नड्डा खामोश हैं मानो अदानी-अंबानी के सिवा कोई दूसरा कारपोरेट घराना भाजपा का शुभचिंतक हो ही ना।
जेपी नड्डा बस्तर आए हैं उनका हम स्वागत करते है. परंतु जिस नियत से वह बस्तर आए हैं उस पर वह कभी सफल नहीं हो पाएंगे,जो अपने गृह प्रदेश में जीवित सरकार को बचाने में नाकामयाब रहे वो छत्तीसगढ़ में मृत हो चुकी भाजपा में जान फूंक दें यह पूरी तरह से कोरी कल्पना मात्र के सिवा कुछ और नहीं है।

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