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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल



 संगठन में बड़ी जगह बनाने कांग्रेस नेताओं में होड़, हार की हताशा चरम पर

 जगदलपुर। कांग्रेस ने नगर निगम में दो-दो नेता प्रतिपक्ष बना कर स्वयं यह बता दिया है कि कांग्रेस के अंदरखाने में कितनी खींचतान और लड़ाईयाँ चल रही है। प्रदेश कांग्रेस से भेजे गये दो अनुभवी पर्यवेक्षकों से भी तय नहीं हो पाया कि 23 कांग्रेसी पार्षदों का नेता कौन होगा। गुटबाजी के भंवर में कांग्रेस डूब रही है, जिसमें हर पहला नेता, दूसरे को निपटाने में लगा है।


 भाजपा जिला मीडिया प्रभारी एवं निगम राजस्व विभाग सभापति आलोक अवस्थी ने कहा कि नगर निगम में विपक्षी दल द्वारा बड़ा और छोटा नेताप्रतिपक्ष बनाने की राजनीतिक घटना पहली बार हुई है। कांग्रेस ने "एक के साथ एक फ्री" तर्ज पर नेताप्रतिपक्ष दिया है। आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की करतूतों के कारण प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कान पकड़ कर सत्ता से बाहर कर दिया। लोकसभा चुनाव में भी छत्तीसगढ़ की जनता जनार्दन ने झूठी कांग्रेस को सच्चाई का आईना दिखाकर भाजपा को ही चुना। हार की हताशा कांग्रेस के सर चढ़कर बोल रही है और कांग्रेस के नेता खेमे बाजी में बंटकर एकदूजे को निपटाने का खेल खुलकर खेल रहे हैं। दो- दो नेताप्रतिपक्ष बनाना इसका खुला उदाहरण है। आलोक अवस्थी ने कहा कि सत्ता सुख से दूर होने के बाद अब कांग्रेस के नेताओं में संगठन में बडा़ पद पाने की होड़ मची है। जिसके लिये बकायदा बारीक जाल बुना जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के हस्तक्षेप के बाद भी बतौर विपक्ष कांग्रेस का मौजूदा संगठन नेताप्रतिपक्ष के लिये एक नाम तक नहीं चुन पाया। खुद को मजबूत करने के लिये संगठन को कमजोर करने की गहरी राजनीतिक कोशिशें जारी है। यहाँ यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि वाकई कांग्रेस का बुरा दौर चल रहा है।

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