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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल





जगदलपुर। जिला पत्रकार संघ बस्तर द्वारा मां दंतेश्वरी मंदिर में पहली बार नौ दिवसीय देवी भागवत महापुराण आयोजित किया जा रहा है। 15 से 23 मार्च तक चलने वाले इस अनुष्ठान को सफल बनाने सर्व हिंदू समाज भी आगे आया है। अनुष्ठान के व्यापक तैयारी की जा रही है।
दंतेश्वरी मंदिर का निर्माण वर्ष 1890 में हुआ है। बीते 134 वषों में मांई जी के दरबार में कभी देवी भागवत नहीं हो पाया। मां दंतेश्वरी मंदिर में पहली बार जिला पत्रकार संघ बस्तर श्रीमद् देवी भागवत महापुराण आयोजित कर रहा है।
यह अनुष्ठान 15 से 23 मार्च तक लगातर नौ दिनों तक चलेगा।
प्रतिदिन अपहरांत 3 बजे से शाम 6 बजे तक कथा चलेगी।
प्रतिदिन कथा समाप्ति के तुरंत बाद मंदिर से मांई जी की डोली निकलेगी। डोली के मंदिर वापस आते ही दंतेश्वरी मंदिर और कथा स्थल में एक साथ आरती होगी।
आरती पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान को गरिमापूर्ण तरीके से संपन्न करने अलग - अलग कार्य समितियों का भी गठन किया गया है। कथा वाचक आचार्य पंडित कृष्णकुमार तिवारी, महामाया धाम पाटन हैं।
नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कार्यक्रम विवरण इस प्रकार है 
15 मार्च कलश यात्रा, वेदी पूजन, देवी भागवत महिमा, हयग्रीव अवतार पश्चात प्रथम पालकी। 
16 मार्च महाकाली, महालक्ष्मी, महा सरस्वती व दुर्गा उत्पत्ति, सृष्टि उत्पत्ति कथा, नवरात्र विधान नियम पश्चात द्वितीय पालकी।
17 मार्च सती चरित्र, राम अवतार, कृष्ण - योगमाया अवतार कथा, दही लूट पश्चात तृतीय पालकी। 18 मार्च महिषासुर वध, शुभ निशुंभ कथा, देवी कालिका उत्पत्ति पश्चात चतुर्थ पालकी। 19 मार्च सूर्यवंशी राजाओं की कथा, सुकन्या कथा, हरिश्चंद्र की कथा, मां शाकंभरी कथा पश्चात पंचम पालकी।
20 मार्च श्री राधा रानी की कथा, गंगा की कथा, गंगा उत्पति पश्चात षठम पालकी।
 21 मार्च तुलसी कथा, शंखचूर्ण दैत्य की कथा, तुलसी महिमा, नरकों का वर्णन पश्चात सप्तम पालकी। 22 मार्च मनसा देवी कथा, रुद्राक्ष उत्पत्ति व महिमा, गायत्री महिमा पश्चात अष्टम पालकी तथा 23 मार्च शनिवार को मणीदीप कथा, राजा जन्मेयजय अंबायज्ञ, ललिता सहस्रनाम, कथा विराम तथा हवन यज्ञ के बाद नवम पालकी भ्रमण होगी। इसके बाद मंदिर परिसर में ही प्रसाद वितरित किया जाएगा। जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष सुरेश रावल ने कहा है कि मांईजी का  हर भक्त तन- मन - धन से मदद कर अनुष्ठान का भागीदार बन सकता है।

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