Adevertise
Top Stories
news-details
अन्य
sampatdak
SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल

जगदलपुर- विश्व मासिकधर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर आज स्थानीय टाउन हॉल में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने, महिलाओं को जागरूक करने, सेनिटरी पैड और साफ कपड़े का इस्तेमाल  करने,उसका प्रबंधन करने एवं माहवारी संबंधित भ्रान्तियों को दूर करने  मासिका महोत्सव आयोजित किया गया.उक्त आयोजन जिला प्रशासन बस्तर,दी बस्तर केयर फाउंडेशन, यूनिसेफ,युवोदय और सेंटर फॉर केटालाइजिंग चेंज  द्वारा आयोजित किया गया.

कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर महापौर सफिरा साहू,निगम अध्यक्ष  कविता साहू,सीईओ जिला पंचायत रोहित व्यास,डीएसपी ललिता मेहर,जिला शिक्षा अधिकारी  भारती प्रधान, प्रोटेक्शन अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग वीनू हिरवानी, उप संचालक समाज कल्याण विभाग वैशाली मरड़वार,डॉक्टर गार्गी यदु, पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़,सेंटर फॉर केटालाइजिंग चेंज से दुर्गाशंकर नायक, युवोदय भोला  शांडिल्य,पिरामल फाउंडेशन से सुश्री जया पांचाल, बस्तर केयर फाउंडेशन से करमजीत  कौर और  उन्नति मिश्रा सहित युवोदय वोलिंटियर एवं अन्य अतिथियों ने शिरकत की.

 कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने इस अवसर पर महिलाओं व छात्राओं को माहवारी के दिनों में विशेष ध्यान देने, सफाई रखने व अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने को लेकर जागरूक किया.मासिक धर्म कोई बीमारी नही है इससे डरने की आवश्यकता नही. मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने पर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है.मासिक धर्म के समय कपड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि उसके स्थान पर सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करना चाहिए. आजकल मासिक धर्म 9 से 13 साल की लड़कियों में शुरू हो जाता है.यह शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है. इसके होने से शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं.यह क्रिया बिल्कुल प्राकृतिक है.यह सभी लड़कियों में किशोरावस्था से शुरू हो जाती है लेकिन इसके बारे में बहुत से लोगों के मन में कई तरह की अवधारणाएं बनी हुई हैं जो अज्ञानता के कारण से समाज में फैली हुई है.

वक्ताओं ने जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर में 15-24 साल की उम्र की करीब 53 फीसदी महिलाएं पीरियड्स के दिनों में सेनेटरी पैड का उपयोग कर रही हैं.बाकी महिलाएं पैड की जगह कपड़े का इस्तेमाल कर रही हैं.ऐसा वह जागरूकता की कमी के कारण करती हैं.अगर महिलाएं अशुद्ध कपड़े का पुन: उपयोग करती हैं तो इससे कई प्रकार के संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है.सबसे अच्छी बात यह रही कि इस कार्यक्रम में युवाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. मासिकधर्म के प्रति विचार और अनुभव शेयर किये.

दी बस्तर केयर फाउंडेशन की संचालिका करमजीत कौर ने बताया कि  मासिका मोहत्सव आयोजित करने का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को महीने के उन 4-5 दिन यानी मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना है और उन्हें माहवारी से संबंधित सही जानकारियां देने हेतु किया गया है ताकि समाज में फैली ऐसी सभी दूषित मानसिकता को दूर किया जा सके.उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के तरफ से समय समय पर ग्रामीण इलाकों और हाट बाजारों में महिलाओं को जागरूक कर उन्हें निःशुल्क सेनेटरी पैड्स का वितरण किया जाता है ताकि महिलाओं को विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने से रोका जा सके.

You can share this post!

Related Posts
Adevertise