SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल
जगदलपुर। कांग्रेस के नेताओं की दुर्भावना से भरी राजनीतिक सोच पर तरस आता है। नगर निगम का चुनाव तीन वर्ष पूर्व संपन्न हो चुका है और पराजय से कुंठित कांग्रेसी अभी तक उससे बाहर नहीं निकल पाये है। प्रदेश में सत्ता में रहने के बाद भी उनकी हताशा के दर्शन बार बार सार्वजनिक होते रहते है। मोतीलाल नेहरू वार्ड के भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि ढिठाई दिखाते हुये इस्तीफे की मांग करने वाले कांग्रेस के नेता निगम में सत्तासीन कांग्रेस की महापौर से इस्तीफा मांगने की हिम्मत दिखाये, जिनकी कार्यकुशलता से सारा शहर कचरों में ढेर में तब्दील हो रहा है।
पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस के नेतागण यह याद रखें कि बड़े पदों में आसीन होने के बाद जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है। जिसमें जनता जनार्दन से सीधे जुड़े कार्य प्राथमिकता लिये जाते है लेकिन सत्ता के मद में इतराते कांग्रेसी जनता को ही भूल चुके हैं। जन समस्याओं के निदान के लिये किये गये प्रयासों को भी पूर्वाग्रही कांग्रेसी अपनी राजनीतिक नाक का प्रश्न बना रहे हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और स्वस्थ राजनीतिक परंपरा के विपरीत है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि शहर के जिस वार्ड में प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष और शहर जिला अध्यक्ष दोनों का निवास है, उस वार्ड में षड़यंत्र पूर्वक कांग्रेस शासित नगर निगम द्वारा सफाई कार्य को ठप करने सहित जनता से जुड़े कार्यो को भी प्रभावित करना क्या दर्शाता है? कांग्रेस के बड़े नेताओं का कद कम हो गया है या यह आपसी राजनीतिक मतभेद के कारण हो रहा है। शहर की जनता सब देख भी रही है और समझ भी रही है। ऐसे कांग्रेस के नेतागण, जो अपने निवासरत वार्ड के विकास व कार्यों में ही राजनीतिक अवरोध डालने का कृत्य कर रहे हैं, उनसे शहर व क्षेत्र के लिये अच्छे व सार्थक कार्यों की अपेक्षा करना ही बेमानी है।