SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल
जगदलपुर। सत्ता में रहते हुये मर्यादाओं का पालन करना परम आवश्यक है। निगम की सामान्य सभा में सत्ता पक्ष द्वारा निगम अध्यक्ष को विकास विरोधी कहना कतई शोभनीय नहीं है। यह सदन की सर्वोच्च आसंदी का अपमान है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाये, वह भी कम है। मोतीलाल नेहरू वार्ड के भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि निगम अध्यक्ष का पद किसी भी राजनीतिक दल से परे होता है। निगम में सत्ताधारी कांग्रेस को ऐसे गरिमामयी पद का अपमान करने का अधिकार नहीं है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने चिंता जाहिर करते हुये कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है। बस्तर के सांसद, क्षेत्रीय विधायक भी कांग्रेस के है। निगम में भी कांग्रेस काबिज है। ऐसे में सत्ताधारी कांग्रेस को सदन की स्वस्थ परंपराओं का सम्मान करना चाहिये। समूचे प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस सत्तारूढ़़ है तो उनकी ज़िम्मेदारियाँ और भी बढ़ जाती है।
आलोक अवस्थी ने कहा कि निगम में कांग्रेस सत्ता पक्ष ने सामान्य सभा में चर्चा के लिये स्वयं दो विषय लाये, बाद में नहीं लाये गये विषयों पर चर्चा करने निगम अध्यक्ष पर दबाव बनाया गया। अन्य विषयों पर सदन में चर्चा करना या न करना निगम अध्यक्ष के अधिकार में होता है। उनके द्वारा अन्य विषयों को आगामी सामान्य सभा में लिये जाने के निर्णय पर सत्ता पक्ष विकास विरोधी होने की तोहमत कैसे लगा सकता है। यह सदन की स्वस्थ परंपरा को धूमिल करने का प्रयत्न है। महापौर की मौजूदगी में यह सदन की कार्यवाही में हुआ है। जो चिंतनीय व निंदनीय है।