Adevertise
Top Stories
news-details
अन्य
sampatdak
SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल



दिल्ली/बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने एकबार फिर संसद में केंद्र सरकार को जमकर घेरा। इस दफे सांसद बैज ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच चल रहे टकराव जैसे हालात पर सवाल उठाए। इसके जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि खोजबीन सह चयन समिति जजों का पैनल तैयार कर भेजेगी, जिस पर कोलेजियम फैसला लेगी।


लोकसभा में सांसद दीपक बैज ने भारत सरकार के न्याय मंत्री से सवाल पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और सभी हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के प्रस्ताव को वापस भेज दिया है? अगर हां तो इसका ब्यौरा दिया जाए, जजों की नियुक्ति के मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, कॉलेजियम के कार्यकरण और कार्यप्रणाली पर कोई आपत्ति जताई गई है, क्या सरकार जजों की नियुक्ति करने वाली समिति में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, यदि हां तो इस पर न्यायाधीशों  की प्रतिक्रिया क्या है?

इसके लिखित जवाब में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 18 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने कहा था। छह मामलों को एससीसी ने दोहराने का विनिश्चय किया है तथा सात मामलों पर हाईकोर्ट के कॉलेजियम से अद्यतन इनपुट मांगे हैं और पांच मामलों को उच्च न्यायालयों के पास भेजने का फैसला किया है। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति भारतीय संविधान में की गई व्यवस्था के तहत सलाहकारी राय के अनुशरण में 1998 में तैयार किए गए प्रक्रिया ज्ञापन अधिकथित प्रक्रिया के तहत की जाती है।इसके तहत उच्च न्यायालयों में जजों की रिक्तियां होने के छह माह पूर्व पूर्व रिक्तियों को भरने का प्रस्ताव शुरू कर दिया जाना अपेक्षित है। सन 2021 में सुप्रीम कोर्ट में नौ और विभिन्न हाईकोर्ट में 120 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई। इसी तरह 2022 में उच्चतम न्यायालय में तीन एवं उच्च न्यायालयों में 165 जजों की नियुक्ति की गईं हैं। विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी जवाब में बताया गया है कि 1 फरवरी 2023 की स्थिति में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत पद संख्या में से उच्चतम न्यायालय में  27 न्यायाधीश कार्यरत हैं और हाल ही में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम से सात रिक्तियों की सिफारिशें ग्रहण की गई हैं। इसी तरह उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की स्वीकृत पद संख्या 1108 है और वर्तमान में 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं तथा न्यायाधीशों के 333 पद उच्च न्यायालयों में रिक्त हैं। इन रिक्तियों में से उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए 142 प्रस्ताव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। 191 रिक्तियों की सिफारिशें उच्च न्यायालय कॉलेजियम से प्राप्त की जानी हैं। उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरा जाना कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की सतत, एकीकृत और समन्वयकारी प्रक्रिया है। केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारियों से परामर्श और अनुमोदन अपेक्षित है।विद्यमान रिक्तियों को भरने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया है। पदोन्नति, पदत्याग सेवनिवृत्ति आदि के कारण उच्च न्यायालयों में रिक्तियों के कारण हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कॉलेजियम प्रणाली न्यायाधीशों की नियुक्ति को और भी पारदर्शी, व्यापक और जवाबदेह नियुक्ति तंत्र के साथ बदलने तथा अधिक वस्तुनिष्ठता लाने के लिए सरकार ने 2015 में संविधान संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम प्रभाव में लाया था। इन दोनों अधिनियमों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने दोनों अधिनियमों को असंवैधानिक और शून्य घोषित कर दिया था।विद्यमान कॉलेजियम प्रणाली को प्रवर्तनशील घोषित किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने एनजेएसी रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि भारत सरकार भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श कर प्रक्रिया ज्ञापन को अंतिम रूप दे।

You can share this post!

Related Posts
Adevertise