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आशीष तिवारी

शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में एमएससी रसायन शास्त्र के चतुर्थ सेमेस्टर विद्यार्थियों का सिद्धाचलम प्रयोगशाला, वीरगांव, रायपुर में पांच दिवसीय इंटर्नशिप कार्यक्रम दिनांक 19 जनवरी 2024 को संपन्न हुआ:-


आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

रायपुर।शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर के एमएससी रसायन शास्त्र के चतुर्थ सेमेस्टर विद्यार्थियों का सिद्धाचलम प्रयोगशाला, वीरगांव, रायपुर में पांच दिवसीय इंटर्नशिप कार्यक्रम दिनांक 19 जनवरी 2024 को संपन्न हुआ।
रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ गोवर्धन व्यास ने बताया कि यह इंटर्नशिप कार्यक्रम दिनांक 15 जनवरी 2024 से प्रारंभ हुआ था, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जल विश्लेषण के लिए आवश्यक मूलभूत मापदंडों का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक ज्ञान सिखाना एवं नैनोमेटेरियल संश्लेषण बनाने की तकनीक सीखाना था।
सिद्धाचलम प्रयोगशाला की निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ भावना जैन ने इंटर्नशिप कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के प्रथम दिन कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यार्थियों को रासायनिक प्रयोगशाला और कारखानों में उपयोग की जाने वाली विश्लेषणात्मक तकनीक के बुनियादी ज्ञान से अवगत करवाया गया। साथ ही प्रायोगिक सत्र में यूवी विजिबल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, फ्लेम फोटोमीटर, सॉक्सलेट एक्सट्रैक्शन इकाई, सेंट्रीफ्यूज, डिस्टलेशन यूनिट, आदि कई उपकरणों के सिद्धांतों की व्याख्या के साथ इनके संचालन की विधियों भी सिखाई गई। प्रायोगिक सत्र में जल नमूनों में पीएच ज्ञात करने की विधि सिखाई गई तथा छात्रों से इसका प्रयोग भी करवाया गया।
इंटर्नशिप कार्यक्रम के दूसरे दिन विद्यार्थियों को नैनो पार्टिकल्स बनाने के सिद्धांत, विधि तथा उपयोग इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही प्रायोगिक सत्र में जिंक ऑक्साइड के नेनोपार्टिकल्स को प्रयोगशाला में संश्लेषित करना प्रारंभ किया गया। इसके साथ ही जल के विभिन्न नमूनों में कठोरता मापन का प्रायोगिक अभ्यास भी करवाया गया।
कार्यक्रम के तीसरे दिन विद्यार्थियों को विभिन्न जल नमूनों में क्षारीयता, विभिन्न आयनों यथा क्लोराइड इत्यादि का निर्धारण करना सिखाया गया तथा जिंक ऑक्साइड के नेनोपार्टिकल्स की वॉशिंग प्रक्रिया भी समझाई गई।
कार्यक्रम के चौथे दिन विभिन्न उपकरणों यथा कंडक्टिविटी मीटर, टर्बोडिटी मीटर, पीएच मीटर, आयन सिलेक्टोमीटर, टीडीएस मीटर इत्यादि के द्वारा जल की चालकता, टर्वीडिटी, टीडीएस, आयन विश्लेषण इत्यादि का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक व्याख्यान दिया गया तथा छात्रों द्वारा इसकी जांच भी करवाई गई।
कार्यक्रम के अंतिम दिन विभिन्न जल नमूनों में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड इत्यादि का निर्धारण सिखाया गया। साथ ही जिंक ऑक्साइड के बने हुए नेनोपार्टिकल्स की क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया भी सिखाई गई।
महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग की ओर से प्रत्येक दिन एक सहायक प्राध्यापक क्रमशः श्रीमती अनुराधा चौधरी, डॉ रेखा सोनी, डॉ भारती मनीष पारधी, डॉ विभा तिवारी एवं डॉ गोवर्धन व्यास कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में डॉ गोवर्धन व्यास ने विद्यार्थियों से पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुभव पूछे तथा विद्यार्थियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा भी की गई। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को बहुत उपयोगी तथा ज्ञानवर्धक बताया।


डॉ भावना जैन ने विद्यार्थियों को अनुसंधान क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया तथा ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के दौरान सिद्धाचलम प्रयोगशाला के स्टाफ सदस्य ज्योति चौहान, ऐश्वर्या पटेल इत्यादि भी उपस्थित रहे। अंत में विद्यार्थियों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित भी किया गया।

महाविद्यालय प्राचार्य डॉ अमिताभ बैनर्जी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए रसायन शास्त्र विभाग के सभी सदस्यों का धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को रसायन शास्त्र में पूरे विश्व में हो रही अनुसंधान के बारे में अवगत रहने के लिए भी प्रेरित किया।

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