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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल





जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उनके शासनकाल का पेश किया गया अंतिम बजट सिर्फ चुनाव पर आधारित बजट है, जिसमें प्रदेश के होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता को रिझाने के लिये पुनः झूठ का झुनझुना पकड़ाया है | अपना काल्पनिक बजट पेश करने से पहले यदि प्रदेश के मुखिया घोषणापत्र के 36 बिंदु भी पढ़ लेते तो बजट पढ़ने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती | भाजपा मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने राज्य सरकार के बजट को चुनावी बजट बताया है |

आलोक अवस्थी ने याद दिलाते हुये कहा कि किसानों के 2 साल के बकाया बोनस, शराबबंदी, 200 फ़ूड पार्क की स्थापना का वादा, कर्मचारियों के नियमितीकरण, पत्रकार सुरक्षा कानून आदि मुद्दे कांग्रेस के घोषणा पत्र के प्रमुख मुद्दे है और भूपेश सरकार इन्हें पूरे करने में अब तक असफल रही है।
इस कार्यकाल के अंतिम बजट में जनता को इन वादों के पूरे होने की उम्मीदें थी लेकिन भूपेश सरकार के बजट में इन्हें स्थान नहीं मिला, जिससे आमजनों में सरकार को लेकर नाराजगी भी है।

आलोक अवस्थी ने चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ते की घोषणा पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी साल में सिर्फ 250 करोड़ रूपए से 10 लाख युवाओं को यह सरकार कौन से एक महीने का बेरोजगारी भत्ता देना चाहती है। क्योंकि प्रदेश में 19 लाख पंजीकृत युवा है और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 10 लाख युवाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की बात रखी थी। जिसके लिए प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रूपये खर्च होने हैं और राज्य सरकार के प्रस्तुत बजट में 
2 वर्षों के लिए केवल 250 करोड़ रुपये ही निर्धारित किये गये हैं, जिससे केवल 1 माह तक ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है।

आलोक अवस्थी ने कहा कि इस सरकार ने बेरोजगार युवाओं को 4 साल तो ठगा ही था, जाते-जाते भी उनके साथ इतना बड़ा धोखा करने से भी बाज नही आयी।

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