ASHISH TIWARI
आशीष तिवारी
सदगुरु जग्गी वासुदेव के साथ अभिनेता राजेश हमाल की अध्यात्मिक चर्चा:-
आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in. रायपुर(छ.ग.)
नेपाल। हिमालय की गोद मे बसे हिंदुत्व का ध्वजवाहक नेपाल अपने आप में एक प्रकृति का सुरम्य मनभावन देश होने के साथ साथ एक सांस्कृतिक आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र तो है ही, लेकिन आज के इस लेख का एक आदर्श आध्यात्मिक केंद्र है अभिनेता श्री राजेश हमाल जी; नेपाल की जनता के मन में दसकों से बसे और साथ मे बहु चर्चित इस देश के जनमानस के सर्वश्रेष्ठ अभिनायक श्री राजेश हमाल जी की विश्व प्रसिद्ध श्री सद्गुरु जग्गी वासुदेव के साथ हुई आध्यात्मिक वार्ता।आज के समय मे लोगों के दिल दिमाग को स्वस्थ बनाने के लिए लाभदायक है दुनियाँ के हर कोने कोने में जाकर सद्गुरु जी ने धरती को बचाने के लिए , पेड़ों को बचाने के लिए , नदियों को बचाने के लिए और हमारे भोजन जो खुद में अन्न के साथ साथ औषधि भी है उसकी सत्वता उसकी ऊर्जा को बनाये रखने के लिए मानवता को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए अलख जगा कर रखी है। सद्गुरु कहते हैं कि प्रकृति है तो हमारा अस्तित्व है, हम प्रकृति से पैदा हुए है इसे छेड़ने की जरूरत नही है बल्कि उसे समझने की जरूरत है , सद्गुरु का ये क्रांतिकारी अभियान पूरे विश्व मे फैलाने की जरूरत है और इसे समझने की जरूरत है इसी कड़ी में सद्गुरु जनमानस के नेताओं से मिलते है जिससे कि जनता तक उनकी बात पहुंचाई जाय।
सुपरस्टार राजेश हमाल जी एक स्वस्थ विचारवान व्यक्तित्व होने के साथ साथ एक आध्यात्मिक भी हैं आमलोगों के मन में उठने वाले सवालों को उठाते हुए सद्गुरु से प्रश्न किये कि शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है आपके नज़रों में ? सद्गुरु कहते हैं कि शिक्षा की डिग्री हासिल कर लेना ही काफी नही हैं शिक्षा आपकी लाइफ के जीने की राह को सरल कर सकती है मगर एक आदर्श जीवन कैसे जीना है ये तो आपको अपने आप ही सीखना समझना होगा और आज के समय मे यही समस्या है कि लोग शिक्षा प्राप्त करके भी एक आदर्श जीवन से अछूते ही रह जाते हैं जीवन का बहुत से सार अछूते ही रह जाते हैं जीवन का बहुत सारा भाग व्यर्थ चला जाता है , राजेश हमाल जी सद्गुरु जी की बातों से सहमत होते हुए कहते हैं कि मानवता की विचारो का उत्थान ही सबसे श्रेष्ठ है बजाय दुनियाँ में कितना ही संचय किया जाय , आध्यात्मिक और सामाजिक ये दोनों स्थितियां अलग अलग है और आज का मानव इनको ठीक ठीक न समझपाने के कारण भ्रमित हो रहा है ।