Adevertise
Top Stories
अन्य
sampatdak
ASHISH TIWARI
आशीष तिवारी

शहर के व्यस्ततम पचपेड़ी नाका रोड में मूलभूत समस्याओं से जूझते लोग:-रोड खराब, महिलाएं छेडखानी का शिकार, यात्रियों को परेशानी, पार्षद, नगर निगम को शिकायत करने पर भी सुध लेने फुर्सत नही

आशीष तिवारी उप-संपादक Thewatchmannews.in.रायपुर(छ.ग.)

रायपुर। राजधानी रायपुर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र पचपेड़ी नाका में आने जाने वाले यात्रियों, स्थानीय निवासियों को मूलभूत समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है।
क्षेत्र के मेन रोड की सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी रोड है जहां रोजाना आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है जिसकी सुध लेने कि फुर्सत ना जनप्रतिनिधि को है ना ही नगर निगम को है।
स्थानीय निवासी शक्ति दुबे ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि यहां वर्तमान में बेहद गंभीर स्थिति बनी हुई है लोगों की जान तक जा सकती है। बड़ी बड़ी स्ट्रीट लाइट यहां लगी है लेकिन कई लाईट चालू नही होती है।


कई बार निगम, जोन,1003, पीडब्ल्यूडी में शिकायत कि गई, लेकिन कोई कार्रवाई नही कि जा रही:
शक्ति दुबे का कहना है कि कई बार हमें लोगों को बताना पड़ता है कि यहां बड़े बड़े गढ्ढे हैं संभल के जाएं। कल ही एक बच्चा यहां के बड़े गढ्ढे में गिरा और बहुत गंभीर चोट 12 टांके उस बच्चे को लगी है। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
दुबे जी का कहना है कि NH नंबर वन पर बने पचपेड़ी नाका मुख्य मार्ग के चारों तरफ बड़े बड़े गढ्ढे हैं जहां से सभी प्रकार के परिवहन आवागमन चाहे सब्जी, फल, बड़े पेट्रोल वाली टंकियां यहां से जाती है और गढ्ढों में फंसने से यातायात तो प्रभावित होती ही है लेकीन दुर्घटनाएं भी बहुत होती हैं, जिसकी सुध नगर निगम नही ले रहा है।
यहां जो भी सुविधा लोगों को मिलनी चाहिए वह नही मिल पा रही है।
बस स्टैंड में शौचालय व्यवस्था भी नही जिससे महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी, महिलाएं छेड़खानी का शिकार होती हैं,जो शौचालय था उसकी स्थिति देखें:




इनका कहना है कि यहां आने जाने वाले यात्रियों के लिए पचपेड़ी नाका बस स्टैंड में शौचालय व्यवस्था तक जर्जर है जो शौचालय था वहां ना तो गेट लगा है ना ही पानी की व्यवस्था है और तो और यह एक डब्बानुमा शौचालय जो है वह पुरी तरह सड़ चुका है, कमोड भी पुरी तरह सड़ कर टूट चुका है। यात्रियों को यहां गढ्ढे में ही लघुशंका करनी पड़ती है जिससे गढ्ढे पानी से भर चुके हैं जिससे बदबू और बीमारियों की स्थिति बनी हुई है तथा ना ही यहां किसी सफाई कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चों को परेशानी होती है शौचालय को लेकर और महिलाओं को इसके लिए असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है जो काफी विकट स्थिति है कि राजधानी के सबसे व्यस्ततम मार्ग का ये हाल है।
यहीं के एक टाइल्स लगाने वाले कर्मचारी लखन मार्कण्डेय ने बताया कि लेबर यहां आकर झाडू लगाकर बैठते हैं तो गढ्ढे से बेहद बदबू और मच्छर की समस्या है। बड़ी बड़ी गाडियां यहां से निकलती है जो इन गढ्ढों पर बुरी तरह फंस जाती है।
पार्षद को भी सूचना दी जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नही हो रही:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्षद, अधिकारी खुद यहां से आना जाना करते हैं सब कुछ देख भी रहे हैं लेकिन कोई भी कार्यवाही इस समस्याओं पर नही ली जा रही है।

You can share this post!

Related Posts
Adevertise