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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल



जगदलपुर /बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर द्वारा राजीव भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी शहीद दिवस गरिमा व सादगी के साथ मनाई गई सर्वप्रथम उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कांग्रेसियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद कर नमन किया।

तत्पश्चात उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए जिलाध्यक्ष/इंद्रावती विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अविस्मरणीय योगदान से पूरी दुनिया सुपरिचित है। जीवन पर्यन्त देशवासियों के लिए आदर्श नायक तथा अहिंसा की राह पर चलते हुए देश को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्ति दिलाने वाले गांधी जी ने पूरी दुनिया को अपने विचारों से प्रभावित किया उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर कई किताबें भी लिखीं जो हमें आज भी जीवन की नई राह दिखाती हैं क्योंकि उनके ये अनुभव, उनका अहिंसा का सिद्धांत, उनके विचार आज भी उतने ही सार्थक हैं जितने उस दौर में थे। उनके जीवन के 3 महत्वपूर्ण सूत्र थे, जिनमें पहला था सामाजिक गंदगी दूर करने के लिए झाड़ू का सहारा। दूसरा, जाति-पाति और धर्म के बंधन से ऊपर उठकर सामूहिक प्रार्थना को बल देना। तीसरा, चरखा जो आगे चलकर आत्मनिर्भरता और एकता का प्रतीक माना गया। गांधी जी अक्सर कहा करते थे कि प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जिसे आप अगर दूसरों पर डालते हैं तो उसकी कुछ बूंदें आप पर भी गिरती हैं। वह कहते थे कि किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसके चरित्र से होती है। दूसरों की तरक्की में बाधा बनने वालों और नकारात्मक सोच वालों में सकारात्मकता का बीजारोपण करने के उद्देश्य से ही उन्होंने कहा था कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को ही अंधा बना देगी। लोगों को समय की महत्ता और समय के सही सदुपयोग के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति समय को बचाते हैं, वे धन को भी बचाते हैं और इस प्रकार बचाया गया धन भी कमाए गए धन के समान ही महत्वपूर्ण है। वह कहते थे कि आप जो कुछ भी कार्य करते हैं, वह भले ही कम महत्वपूर्ण हो सकता है किन्तु सबसे महत्वपूर्ण यही है कि आप कुछ करें। लोगों को जीवन में हर दिन, हर पल कुछ न कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करते हुए गांधी जी कहा करते थे कि आप ऐसे जिएं, जैसे आपको कल मरना है लेकिन सीखें कि आपको हमेशा जीवित रहना है। उनकी बातों का देशवासियों के दिलोदिमाग पर गहरा असर होता था। महात्मा गांधी के विचारों में ऐसी शक्ति थी कि विरोधी भी उनकी तारीफ किए बगैर नहीं रह सकते थे। ऐसे कई किस्से भी सामने आते हैं जिससे उनकी ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और शिष्टता की स्पष्ट झलक मिलती है।
कार्यक्रम के अंत मे दो मिनट का मौन धारण कर नमन किया गया।

यह रहे मौजूद.


वरिष्ठ कांग्रेसी सतपाल शर्मा,महामंत्री (प्रशासन) अनवर खान,कौशल नागवंशी,अ.रशीद,कमलेश पाठक, एम वेंकट राव, अब्दुल सईद,हरीशंकर सिंह,पूरन सिंह ठाकुर,योगेश पानिग्राही,मोईन अख्तर, छबीश्याम तिवारी,जोहन सूता,एस दन्तेश्वर राव, राकेश मौर्य, अरूपानंद, नरेन्द्र तिवारी,जावेद खान, सुंदरमणी निशाद,कमला वर्मा,अंकित सिंह,अंकित सिंह,बेनी फर्नांडिश, सत्यनारायण, सुजीत नाग,मनोज ठाकुर, अशोक मंडावी, समर चौहान, उस्मान रजा,चंद्रकांत जोशी,राजा मौर्य,नीरज पचौरी सहित कार्यकर्तागण उपस्थित थे।

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