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जगदलपुर।भाजपा प्रदेश महामंत्री व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के सीकर में 27 जुलाई को ‘पीएम प्रणाम योजना’ की शुरुआत करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री श्री मोदी  देश के किसानों के खाते में करीब 20 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे। पीएम प्रणाम योजना किसानों की खुशहाली का माध्यम बनेगी। 

केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 लाख से अधिक पंजीकृत किसान हैं। इनमें से लगभाग 21 लाख किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिल पा रहा है। कांग्रेस शासन की लापरवाही और दुराग्रह के कारण 20 लाख से अधिक किसान यहां सम्मान निधि से वंचित हैं। यह किसानों का अपमान है। 
कांग्रेस सरकार की यह ज़िम्मेदारी है कि वह केवायसी आदि की कार्यवाही पूर्ण कर आँकड़े दिल्ली भेजे  लेकिन जान-बूझ कर इस काम में भूपेश सरकार लापरवाही कर रही है ताकि प्रदेश के किसानों को मोदी जी की योजना का लाभ नहीं पहुँचे। 

केदार कश्यप ने कहा कि केवल सम्मान निधि में ही नहीं बल्कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में भी ऐसा ही दुराग्रह का परिचय भूपेश सरकार दे रही है। अपना राज्यांश बचाने कांग्रेस सरकार किसानों के साथ क्रूर मज़ाक़ कर रही है। अभी तक फसल बीमा की अधिसूचना भी जारी नहीं की है। जिस तरह पीएम आवास योजना में 16 लाख परिवारों का आवास बनना रोक दिया है, जिनमें अधिकांश किसान ही हैं, वैसे ही फसल बीमा और किसान सम्मान निधि आदि मामले में किसानों को अपनी सस्ती और हल्की राजनीति का शिकार कांग्रेस सरकार बना रही है। 

केदार कश्यप ने कहा कि परसों 27 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी एक और ऐतिहासिक योजना ‘पीएम प्रणाम’ की शुरुआत करने वाले हैं। रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने की प्रधानमंत्री मोदी की कोशिश है। इससे खेती में अन्य उर्वरकों के इस्तेमाल से खेती की गुणवत्ता बेहतर होगी। साथ ही किसानों को भी फायदा होगा, क्योंकि इससे खेती की लागत कम हो सकती है। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिये सरकार पीएम प्रणाम यानी कृषि प्रबंधन हेतु वैकल्पिक पोषक तत्त्वों का संवर्द्धन (Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management Yojana- PM PRANAM) योजना शुरू करने की योजना बना रही है। इस योजना का उद्देश्य जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना है। रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना, जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचने का अनुमान है। 2021 के 1.62 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े से 39% अधिक है।

केदार कश्यप ने कहा कि मोदी सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 3.68 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया है। जो राज्य सरकार अधिकाधिक वैकल्पिक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देकर रासायनिक खाद का प्रयोग काम करेगी उसे बची हुई सब्सिडी की राशि का हिस्सा दी जाएगी। इससे अधिक से अधिक जैविक खाद को प्रोत्साहन मिलेगा। सब्सिडी बचत का 50% उस राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा जो पैसा बचाता है। योजना के तहत प्रदान किये गए अनुदान का 70% गाँव, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों के तकनीकी अपनाने से संबंधित परिसंपत्ति सृजन के लिये उपयोग किया जा सकता है।
शेष 30% अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत करने तथा प्रोत्साहित करने के लिये किया जा सकता है जो उर्वरक उपयोग को कम करने व जागरूकता पैदा करने में शामिल हैं।

केदार कश्यप ने कहा कि वर्ष 2020-21 में मोदी सरकार ने 1.62 लाख करोड़ रुपए का खाद अनुदान दिया था। और वर्ष 2022 के दौरान यह 2.25 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े को पार कर सकता है। अगले तीन वर्षों के लिए मोदी सरकार ने 3.68 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया है। केंद्र ने अक्तूबर 2016 से उर्वरकों में डीबीटी की शुरुआत की, जिसके तहत विभिन्न उर्वरक ग्रेड पर उर्वरक कंपनियों को खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर 100% सब्सिडी जारी की जाती है।इसके अलावा देश भर ने किसान किसान समृद्धि केंद्रो से प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद देंगे।छत्तीसगढ़ में ऐसे लगभग 2 हजार केंद्र है किसान सम्मान समृद्धि केंद्रो से किसानों के हित की सारी योजनाओं की बहुत सी जानकारियां प्रदान की जाती है।

प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, भाजपा जिला अध्यक्ष रुप सिंह मण्डावी, श्रीनिवास राव मद्दी, बैदूराम कश्यप, लच्छू राम कश्यप,राजाराम तोडे़म,सुधीर पाण्डेय, योगेन्द्र पाण्डेय, रामाश्रय सिंह, वेदप्रकाश पाण्डेय, आलोक अवस्थी, सुरेश गुप्ता, आर्येन्द्र सिंह आर्य मौजूद रहे । 

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