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SUBHASH RATTANPAL
सुभाष रतनपाल

जगदलपुर/ अपनी अनोखी परंपरा के लिये विश्व में चर्चित बस्तर दशहरा की एक और अनुठी और महत्वपूर्ण रस्म जोगी बिठाई को सोमवार की देर शाम सिरहासार भवन में विधि विधान के साथ पूरा किया गया।

परंपरानुसार बड़े आमाबाल के जोगी परिवार का युवक बस्तर दशहरा के निर्विघ्न आयोजन के लिए हर साल 9 दिनों तक उपवास रखकर सिरहासार भवन में एक निश्चित स्थान पर तपस्या के लिए बैठता है। इस तपस्या का मुख्य उद्देश्य दशहरा पर्व को शांतिपूर्वक व निर्बाध रूप से संपन्न कराना होता है।

बड़े आमाबाल के दौलत नाग बने जोगी

इस वर्ष भी बड़े आमाबाल गांव निवासी 22 वर्षीय युवा दौलत नाग ने जोगी बन करीब 600 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के तहत स्थानीय सिरहासार भवन में दंतेश्वरी माई व अन्य देवी देवताओं का आशीर्वाद लेकर निर्जल तपस्या शुरू की है। इस रस्म में शामिल होने के लिए सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष  दीपक बैज, संसदीय सचिव  रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू सहित मांझी, चालकी, मेंबर मेंबरिन व स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक सिरहासार भवन में मौजूद रहे।

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